भोपाल- मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे शबाब पर आ रहा है, राजनीतिक दलों के बयानों के तीर और तीखे होते जा रहे हैं। आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। चुनावी पिच पर राजनीतिक दलों के महारथी उतर चुके हैं, वहीं राजनीति की शोले फिल्म भी शुरू हो गई है।
रमेश सिप्पी की फिल्म शोले के प्रमुख किरदार जय और वीरू की जोड़ी भी मैदान में है, गब्बर और ठाकुर के चर्चे भी हैं। जय वीरू तो तय हो गए हैं लेकिन गब्बर और ठाकुर कौन है, इसका कोई तय नहीं है। भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज इशारों में बहुत कुछ कह रहे हैं। अब यह पाठकों को पता करना है कि कौन किस किरदार में है।
ऐसे शुरू हुई चर्चा – कांग्रेस में कमलनाथ और दिग्विजय के बीच मनमुटाव की खबरों पर सुरजेवाला से पूछा गया तो उन्होंने इन्हें जय-वीरू बताया। कहा, गब्बर जोड़ी तोडऩे की नाकाम कोशिश कर रहा है।
शिवराज बोले – चोरी की फिराक में रहते थे जय-वीरू
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को संबोधित करते हुए ट्वीट किया कि फिल्मी ‘जय-वीरू’ और एमपी के ‘जय-वीरू’ में एक ही समानता है…। दोनों चोरी की फिराक में रहते हैं कि कैसे जनता का माल लूटें और फुर्र हो जाएं। वैसे, एक जो समानता नहीं है, वह यह है कि फिल्म में दोनों एक-दूसरे को जी-जान से ह्रश्वयार करते थे, लेकिन यहां तो कपड़े फाडऩे में लगे हैं। बाबू मोशाय, रील और रियल लाइफ में यही अंतर है…। बाकी आप भी समझदार हैं। कांग्रेस में जय और वीरू की जोड़ी में खटपट चल रही है…ये लोग कभी किसी का भला नहीं कर सकते।
कमलनाथ बोले – जय-वीरू ने ही गब्बर का हिसाब किया था
शिवराज के जवाब में कमलनाथ ने ट्वीट में कहा जय और वीरू ने ही अत्याचारी गब्बर का हिसाब किया था। प्रदेश 18 साल से अत्याचार से त्रस्त है। अंत का समय आ गया। बाकी आप समझदार हैं..। जय-वीरू तैयार, अब गब्बर-ठाकुर कौन आप खुद पता लगाएं कमलनाथ बोले कैलाश खुद को बता चुके हैं ‘ठाकुर’ नवंबर 2011 में कैलाश विजयवर्गीय इंदौर में खुद को शोले का ठाकुर बता चुके हैं। तब, कैलाश ने कहा था कि इंदौर के मामले में मेरे हाथ बंधे है। मेरा हाल शोले के ठाकुर जैसा है।