राजनीति

चुनावी ड्यूटी से बचने के अफसरों के मजेदार बहाने, एक अफसर बने गजनी, कई कर्मचारियों को चाहिए ‘वेस्टर्न कमोड’

Kalyug Ki Kalam Se Rameshwar Tripathi ki Report

भोपाल- निर्वाचन आयोग चुनावी ड्यूटी करने वाले अफसर-कर्मियों की सूची पर काम कर रहा है। चुनाव में करीब 4 लाख कर्मचारी लगेंगे। इस बीच ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए 8 हजार कर्मियों ने आवेदन दिए हैं। इनमें अजब-गजब तर्क हैं। ग्वालियर में एमपीआइडीसी के प्रबंधक फिल्म गजनी (Ghajini) का किरदार बता रहे हैं। वे कह रहे हैं, अचानक दो घंटे में याददाश्त चली जाती है। इंदौर में एक ने शौच के लिए वेस्टर्न कमोड की जरूरत बताई है।
इंदौर; सप्ताहभर में छुट्टी के 200 आवेदन इंदौर में एक सप्ताह में छुट्टी के 200 से ज्यादा आवेदन आए हैं। इनमें लोग कह रहे हैं, मेरी और पति दोनों की तबीयत खराब रहती है। बच्चे बाहर नौकरी कर रहे हैं। अवकाश चाहिए। कोई फेफड़े की बीमारी तो किसी ने कैंसर बताया। किसी ने बैक बोन में परेशानी बताई। खास यह है कि यही लोग अब तक बिना किसी परेशानी के अपने विभागों में नौकरी कर रहे हैं।
ग्वालियर: 13 अनफिट, 118 बहानेबाज ग्वालियर में महिला शिक्षक ने हीमोग्लोबिन कम होने का बहाना बनाया। तर्क दिया, हीमोग्लोबिन कम होने से चक्कर आते हैं। लगातार ड्यूटी करना संभव नहीं है। यहां आए 130 आवेदनों में 59 स्कूली शिक्षक व कॉलेज के प्रोफेसरों के हैं। इनमें मेडिकल बोर्ड ने 12 को अनफिट बताया है।
टीकमगढ़: बच्चों को देखने वाला कोई नहीं टीकमगढ़ में कर्मचारी बच्चे छोटे होने की दुहाई दे रहे हैं। जिला योजना अधिकारी रामबाबू गुप्ता ने बताया, कुछ लोग बच्चों के छोटे होने का हवाला देकर ड्यूटी काटने को कह रहे है। पति-पत्नी दोनों के कर्मचारी होने से लोग पत्नी को ड्यूटी से बचाने के लिए ऐसे आवेदन दे रहे हैं। ऐसे बहाने शुगर और बीपी बताने वालों ने नहीं दी मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट। पति-पत्नी की ड्यूटी लगने पर एक के घर में रहने का दिया हवाला। बच्चों की देखभाल के लिए चुनाव से मुक्ति चाहिए। हॉर्ट में ब्लॉकेज।
15 फीसदी आवेदनों में महिलाओं के गर्भवती होने का हवाला। ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाने से आपा खो जाता है। काम नहीं कर पाते। 60 से ऊपर उम्र का होने से चुनाव ड्यूटी में असमर्थ हूं। मेडिकल बोर्ड रोज करेगा जांच चुनाव की ड्यूटी से अपना नाम कटवाने के लिए आवेदन देने वालों के स्वास्थ्य की जांच अब मेडिकल बोर्ड करेगा। इसके लिए तीन डॉक्टरों की पैनल बनाई गई है। आचार-संहिता से पहले तक सप्ताह में दो दिन मेडिकल बोर्ड आवेदकों के सेहत की जांच करता था। अब रोजाना यह जांच होगी।

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