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सफलता की कहानी नानबाड़ी परियोजना ग्राम कोठी निवासी देवी सिंह के लिए बनीं वरदान हल्दी, अश्वगंधा और तुलसी की खेती एवं मुर्गी पालन कर अर्जित की अतिरिक्त आय

कलयुग की कलम से राकेश यादव

सफलता की कहानी

नानबाड़ी परियोजना ग्राम कोठी निवासी देवी सिंह के लिए बनीं वरदान हल्दी, अश्वगंधा और तुलसी की खेती एवं मुर्गी पालन कर अर्जित की अतिरिक्त आय

कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा – विकासखंड ढीमरखेड़ा के ग्राम कोठी निवासी देवीसिंह पिता शिवनंदी ने नाबार्ड की नाँनबाड़ी परियोजना से जुड़ कर हल्दी, अश्वगंधा और तुलसी की खेती से 45 हजार रुपए और मुर्ग़ी पालन से 16 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा अर्जित कर परिवार के लिए अतिरिक्त आमदनी अर्जित की।

वर्तमान में देवी सिंह को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। देवी सिंह एक सीमांत किसान हैं, जिनके परिवार में कुल 6 सदस्य हैं। परिवार की आजीविका का मुख्य साधन कृषि एवं पशुपालन है। देवी सिंह के पास कुल 5 एकड़ कृषि भूमि है, जिसमें वे रबी सीजन में गेहूं और चना, तथा खरीफ सीजन में धान की खेती करते हैं। इसके अलावा घरेलू उपयोग के लिए वे सब्जियाँ भी लगाते हैं।

*हल्दी की खेती*

पर्यावरणविद् एवं मानव जीवन विकास समिति के सचिव निर्भय सिंह ने बताया कि वर्ष 2024 में देवी सिह नाबार्ड की नॉनबाड़ी परियोजना से जुड़े।

समिति से जुड़ने के बाद उन्होंने जैविक खेती, कम लागत वाली कृषि तकनीक, मुर्गी पालन एवं औषधीय फसलों की खेती का प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण के पश्चात देवी सिंह ने जैविक कृषि पद्धतियाँ और नई तकनीकों को अपनाया, जिससे खेती की लागत में कमी आई और फसल की गुणवत्ता में सुधार हुआ। परियोजना के अंतर्गत उन्हें हल्दी, अश्वगंधा और तुलसी के बीज प्राप्त हुए, जिनकी उन्होंने 0.5 एकड़ भूमि में खेती शुरू कर दी है पहले साल ही किसान को अच्छा उत्पादन हुआ और इस वर्ष भी हल्दी और तुलसी का अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है

*तुलसी की खेती*

प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना के अंतर्गत 20 नग पाईप 3 नग स्प्रिंकलर प्राप्त हुआ।कुक्कुट मुर्गी पालन योजना के तहत 40 चूजे मिले।कृषि विभाग से गेहू और चना का बीज प्राप्त हुआ है।

कृषि विभाग से स्प्रे पम्प 15 लीटर का दवाइयों के छिड़काव करने के लिए प्रदान किया गया है साथ ही बीज उपचार के लिए डी-कंपोजर नैनो डीएपी किट भी प्राप्त हुआ है।

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