उमरियापान बालिका छात्रावास में चल रहा फर्जी बिलों का खेल ग्राम पंचायत बम्हनी के कुदवारी मैं बना है बालिका छात्रावास शासन के द्वारा स्पष्ट प्रावधान दिये गये है कि बिना निविदा प्रकाशन के किसी भी फर्म से सामग्री क्रय नहीं की जाये सामग्री का पता नहीं बावजूद लगा रहे बिल बीईओ ऑफिस में पदस्थ बाबू और छात्रावास अधीक्षका का कारनामा
कलयुग की कलम से राकेश यादव
उमरियापान बालिका छात्रावास में चल रहा फर्जी बिलों का खेल ग्राम पंचायत बम्हनी के कुदवारी मैं बना है बालिका छात्रावास शासन के द्वारा स्पष्ट प्रावधान दिये गये है कि बिना निविदा प्रकाशन के किसी भी फर्म से सामग्री क्रय नहीं की जाये सामग्री का पता नहीं बावजूद लगा रहे बिल बीईओ ऑफिस में पदस्थ बाबू और छात्रावास अधीक्षका का कारनामा
कलयुग की कलम कटनी-उमरियापान के बम्हनी में स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस बालिका छात्रावास में व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़े का खेल जारी है। छात्रावास में पदस्थ अधीक्षका और बीईओ आॅफिस में पदस्थ बाबू के द्वारा शासन के नियमों को ठेंगा दिखाकर फर्जी बिलों को लगाकर राशि आहरित की जा रही है। कई ऐसों बिलों को लगातर भुगतान प्राप्त किया जा रहा है जिसका न तो जीएसटी रजिस्टेÑशन है और न ही वह पोट्रल में रजिस्टर्ड है।

सूत्रों ने बताया कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस बालिका छात्रावास उमरियापान में में पदस्थ अधीक्षका गिरजा सिंह एवं बीईओ कार्यालय ढीमरखेड़ा में पदस्थ सहायक गे्रड-2 अखिलेश त्रिपाठी के द्वारा शासन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और बिना निविदा प्रकाशन के फर्मों से सामग्री क्रय की जा रही है जबकि इस संबंध में शासन के द्वारा स्पष्ट प्रावधान दिये गये है कि बिना निविदा प्रकाशन के किसी भी फर्म से सामग्री क्रय नहीं की जाये लेकिन इस बात से छात्रावास अधीक्षका एवं बाबू को कोई लेना देना नहीं है। दोनों की मनमर्जी के कारण शासन को लाखों रूपये की आर्थिक क्षति हो रही है।
डीपीसी को नहीं मतलब
जिले में संचालित हो रहे छात्रावास को मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदार जिला प्रशासन के द्वारा डीपीसी के.के. डेहरिया को सौंपी गई है लेकिन भ्रष्टाचार के खेल में ये महोदय भी शामिल है। पूर्व में स्लीमनाबाद बालिका छात्रावास में इनका नाम उजागर हो चुका है। उमरियापान छात्रावास में जिस तरह से वित्तीय अनियमित्ता बरती जा रही है इससे स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है कि भ्रष्टाचार के इस खेल में नीचे से लेकर ऊपर तक कमीशनखोरी हावी है जिस कारण से जिम्मेदारों के द्वारा अधिनस्थ कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही नहीं की जा रही है।
बालिकाओं की सेहत से हो रहा खिलवाड़
विश्वनीय सूत्रों ने बताया कि छात्रावास अधीक्षका के द्वारा बालिकाओं की सेहत से भी खिलवाड़ किया जा रहा है और निर्धारित मीनू के अनुसार उन्हें भोजन उपलब्ध नहीं करवाया जाता है। सूत्रों का कहना है कि कभी-कभी तो रात का भोजन भी सुबह वितरित कर दिया जाता है। सुबह के समय बच्चों को जो नास्ता दिया जाता है उसकी गुणवत्ता भी इतनी खराब रहती है कि कई बार बच्चे खाने से मना कर देते है। इस संबंध में शासन के द्वारा मापदंड निर्धारित कर प्रत्येक दिन अलग-अलग भोजन की व्यवस्था के हिसाब से राशि छात्रावासों को दी जाती है लेकिन उसका लाभ छात्रावास में रह रही बालिकाओं को नहीं मिलता है इस भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को मिलता है।




