फर्जीवाड़ा की हद हो गई सीमांकन कार्यवाही में मृतकों- सरहदी किसानों के हो गये फर्जी हस्ताक्षर मृतकों की उपस्थिति में पटवारी दान सिंह ने किया सीमांकन शिकायतकर्ता ने आपराधिक मामला पंजीबद्ध करने सौंपी शिकायत
कलयुग की कलम से राकेश यादव

फर्जीवाड़ा की हद हो गई सीमांकन कार्यवाही में मृतकों- सरहदी किसानों के हो गये फर्जी हस्ताक्षर मृतकों की उपस्थिति में पटवारी दान सिंह ने किया सीमांकन शिकायतकर्ता ने आपराधिक मामला पंजीबद्ध करने सौंपी शिकायत,
कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा -जिले की ढीमरखेड़ा ही ऐसी तहसील है जहां पर सब संभव है। यहां पर मृत व्यक्ति भी आकर हस्ताक्षर कर देते हैं। इस तहसील में आदिवासियों की भूमि कलेक्टर की अनुमति के बिना धड़ल्ले से विक्रय हो रही है और उसमें नामांतरण की कार्यवाही भी राजस्व अमला कर रहा है। चूंकि पटवारियों और दोषी संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही नहीं होने के कारण उनके हौसले बुलंद है ढीमरखेड़ा तहसील में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मुख्यालय हल्का पटवारी दान सिंह द्वारा सीमांकन कार्यवाही में फर्जी हस्ताक्षर बनाए गए हैं। इस मामले में तीन मृत व्यक्तियों के भी हस्ताक्षर बना दिए गए हैं।
*फर्जी सीमांकन कार्यवाही*
पटवारी दान सिंह द्वारा जमुना बाई पति गणेश राय ढीमरखेड़ा स्थित भूमि खसरा नंबर 141/3 रकबा 0.22 हेक्टेयर भूमि में से 1090 वर्ग फुट का सीमांकन हेतु खसरा नंबर 141/5 रकवा 0.01 हेक्टर शासकीय भू जल नाला पर निर्मित मकान का सीमांकन किया गया।
बिना सरहदी किसानों को सूचना दिए सीमांकन किया गया और सभी किसानों की स्वयं फर्जी हस्ताक्षर कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
*मृतकों के हस्ताक्षर*
पटवारी के द्वारा सीमांकन कार्यवाही में मृत जगदीश और सुरेश के हस्ताक्षर बना लिए गए हैं, जबकि इनका निधन हो चुका है।
इसी तरह से पटवारी के द्वारा सरहदी किसान मुकेश, कमलेश, प्रतिभा, जनमेजय रजक के भी फर्जी हस्ताक्षर बनाए गए हैं।
*शिकायत और जांच*
शिकायतकर्ता विवेक निधि रजक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन उपाध्यक्ष ढीमरखेड़ा ने पुलिस अधीक्षक कटनी को शिकायत सौंपी है और पटवारी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की मांग की है शिकायतकर्ता का आरोप है कि पटवारी द्वारा किया गया कृत्य आपराधिक कार्य की श्रेणी में आता है।
*पटवारी की कारस्तानी*
-्पटवारी दान सिंह की कारस्तानी यही तक सीमित नहीं है, इसके द्वारा मौजा ढीमरखेड़ा स्थित शासकीय भू जल नाला के खसरा नंबर 78, 262, 324, 407, 867, 794, 97, 141/5 में कई लोगों के बेजा कब्जा करवाए गए हैं किसी के द्वारा यदि इस संबंध में शिकायत की जाती है तो पटवारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती और फर्जी प्रतिवेदन न्यायालय को सौंप दिया जाता है ढीमरखेड़ा तहसील में पटवारी द्वारा की गई फर्जी सीमांकन कार्यवाही एक गंभीर मामला है, जिसमें मृत व्यक्तियों के हस्ताक्षर बनाए गए हैं। इस मामले में पटवारी के विरुद्ध शिकायतकर्ता द्वारा आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की मांग की गई है। यह मामला प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली और भ्रष्टाचार के मुद्दे को भी उजागर करता है।




