मध्यप्रदेश

घर-घर दस्तक देकर बच्चों में कुपोषण और बाल्यकालीन बीमारियों को चिन्हित करने दो माह का दस्तक अभियान प्रारंभ, जबलपुर महापौर ने बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाकर की अभियान की शुरुआत

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी

जबलपुर- ‘दस्तक अभियान’ घर-घर दस्तक देकर पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों में कुपोषण एवं बाल्यकालीन बीमारियों को चिन्हित करने के उद्देश्य को लेकर जिले में आज मंगलवार से दस्तक अभियान प्रारंभ हुआ। दो माह तक चलने वाले तक इस अभियान की शुरुआत महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू ने शहरी स्वास्थ्य केंद्र स्नेह नगर में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाकर की। जिले में दस्तक अभियान 25 जून से 27 अगस्त तक चलाया जायेगा।
महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू ने दस्तक अभियान के शुभारंभ पर अपने उद्बोधन में इस अभियान को मूर्त रूप देने और सफल बनाने में दस्तक दलों की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि दस्तक दलों को अपनी जिम्मेदारियों का सजगता से निर्वाह करना होगा। उन्हें जमीनी स्तर पर सर्वे कुपोषित एवं बीमार बच्चों की लाइन लिस्टिंग करनी होगी तथा गंभीर कुपोषित बीमार बच्चों को तुरंत उपचार देकर चिकित्सीय लाभ दिलाना होगा।
दस्तक अभियान के शुभारंभ के अवसर पर भोपाल से विशेष रूप से आयीं राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ.तुहिना वर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर के व्यास, डॉ.विनीता उप्पल, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.विनोद गुप्ता, अर्बन नोडल अधिकारी डॉ.एस एस दाहिया, जिला मीडिया अधिकारी अजय कुरील, संस्था प्रभारी डॉ.विशाखा सिंह एवं एपीएम संदीप नामदेव भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर बताया गया कि बाल मृत्यु के प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिवर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से वर्ष में दो बार दस्तक अभियान संचालित किया जाता है। अभियान के प्रथम चरण में पांच वर्ष तक की आयु के समस्त बच्चों की चिकित्सकीय जाँच कर बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार तथा प्रबंधन पर बल दिया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में दस्तक अभियान का प्रथम चरण में 25 जून से 27 अगस्त की अवधि में आयोजित किया जा रहा है । इस दौरान स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं के संयुक्त दल द्वारा पांच वर्ष तक के बच्चों के घर-घर जाकर उनकी चिकित्सकीय जांच एवं आवश्यक उपचार था प्रबंधन सुनिश्चत करने हेतु गतिविधियां संचालित की जायेंगी।
कार्यक्रम में जिला टीकाकरण अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ विनोद गुप्ता ने बताया कि दस्तक अभियान में बीमार नवजातों और बच्चों की पहचान व प्रबंधन एवं रेफरल, पांच वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान व रेफरल एवं प्रबंधन, छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की स्क्रीनिंग एवं प्रोटोकाल आधारित प्रबंधन तथा नौ माह से पांच वर्ष तक के समस्त बच्चों को आयु अनुरूप विटामिन ‘ए’ का अनुपूरण जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है। इनके साथ ही पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओआरएस व जिंक के उपयोग के प्रति सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा देने, गृह भेंट के दौरान ओआरएस व जिंक की गोली पहुंचाने, पांच वर्ष से कम उम्र के रेफरल बच्चों में शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान व प्रबंधन एवं रेफरल, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों एवं वृद्धि विलंब की पहचान तथा उनका आरबीएसके कार्यक्रम से संबद्धीकरण को भी दस्तक अभियान में शामिल किया गया है। इसी तरह पांच वर्ष तक की आयु वाले बच्चों में श्रवणबाधिता एवं दृष्टिदोष की पहचान एवं पुष्टि कर आरबीएसके कार्यक्रम में उनका पंजीयन कर उपचारित करना, समुदाय में ‘समुचित शिशु एवं बाल आहार पूर्ति संबंधी समझाईश देने, एसएनसीयू एवं एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फॉलोअप, गृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत एवं छूटे हुए बच्चों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी लेना आदि गतिविधियां भी दस्तक अभियान का हिस्सा होंगी।

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