भोपाल- नर्मदा एक्सप्रेस से इंदौर से निकली कटनी की अर्चना तिवारी 7 अगस्त को रहस्मय तरीके से लापता हो गई। अब नाटकीय अंदाज में मंगलवार को लखीमपुर खीरी, उत्तरप्रदेश (नेपाल बॉर्डर) पर भोपाल जीआरपी को मिली है। टीम उसे ला रही है। पूछताछ कर कहानी समझेगी। उधर, भोपाल और जबलपुर जीआरपी आमने-सामने आ गई हैं। भोपाल जीआरपी के अधिकारियों का कहना है भंवरपुरा थाना (ग्वालियर) में पदस्थ आरक्षक राम तोमर और अर्चना की पहचान जबलपुर में हुई थी, लेकिन अर्चना के लापता होने में ग्वालियर की लिंक सामने नहीं आई है। वहीं कटनी में अर्चना की परिजन से बात कराई गई है।
इतनी मशक्कत
भोपाल एसआरपी राहुल कुमार लोढा का कहना है अर्चना ट्रेन से गायब हुई थी। तलाश के लिए स्टेशन से लेकर करीब 50 किमी के दायरे का जंगल सर्च किया गया। सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। सर्विलांस के जरिए भी मिनट-टू-मिनट तलाश की गई। मंगलवार को अर्चना के लखीमपुर में होने का पता चला।
नेपाल भागने की फिराक में थी
अर्चना नेपाल भागने की फिराक में थी… इस आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा। घर जाने के लिए ट्रेन में बैठने के बाद लापता होने के पीछे अर्चना की प्लानिंग क्या थी। उसके भोपाल पहुंचने पर खुलासा होगा। भोपाल जीआरपी बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पर्दा उठाएगी।
एक कहानी यह भी
भोपाल पुलिस अर्चना के लापता होने में ग्वालियर कनेक्शन से इनकार कर रही है, लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि 11 दिन से अर्चना पुलिस को छका रही थी। हालांकि ग्वालियर में उसकी तलाश होने के कुछ घंटे बाद ही अर्चना तिवारी का ठिकाना भी सामने आ गया।