जबलपुर- विधानसभा चुनाव की आचार संहिता की आड़ में पुलिस की तरफ से व्यापारियों को जांच के नाम पर प्रताडि़त किया जा रहा है। इससे उनके बीच आक्रोश है। महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की तरफ से इस सम्बंध में बैठक का आयोजन किया गया। कारोबारियों की समस्या सुनने के बाद तय किया गया कि चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की जाए।
महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और सराफा एसोसिएशन जबलपुर तथा अन्य व्यापारियों की संयुक्त बैठक में बताया गया कि विधानसभा चुनाव के लिए जारी आचार सहिंता के कारण व्यापारियों एवं उनके प्रतिनिधियों के अलावा कर्मचारियों को पुलिस विभाग की ओर से परेशान किया जा रहा है। इससे व्यापारियों में आक्रोश बढ़ रहा है।
बैठक में बैठक में अजय बख्तावर, बृजेश सुहानी, सुशील सोनी, केके सुहाने, उमेश सोनी, संतोष सोनी, देवांश, अमित अग्रवाल उपस्थित थे। यहां सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष राजा सराफ ने बताया कि स्वर्ण व्यवसाय से सम्बंधित व्यापारियों एवं कर्मचारियों की ओर से व्यापार की परिपाटियों के तहत खरीदी-बिक्री के लिए परिवहन एवं नगद राशि लाने ले जाने की स्थिति में पुलिस विभाग की तरफ से जांच के लिए रोकने पर आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत किए जाने के बाद भी जब्ती की कार्रवाई की जा रही है। उनका आरोप है कि इस तरह की कार्रवाई भ्रष्टाचार की आशंका पैदा करती है।
महाकोशल चेम्बर के अध्यक्ष रवि गुप्ता ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त, मध्य प्रदेश को पत्र प्रेषित किया गया है। इसमें आचार संहिता के नियमों की जानकारी देने तथा सक्षम शासकीय अधिकारियों की तरफ से व्यापारियों का फोटो युक्त परिचय पत्र को मान्यता प्रदान करते हुए मात्र आयकर या जीएसटी विभाग के सक्षम अधिकृत अधिकारियों की तरफ से जांच एवं कार्रवाई की मांग की है।