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मध्यप्रदेश इको टूरिज्म शाहडार के जंगल में अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन वृक्षों को लगाने और सुरक्षित रखने की ली गई शपथ पिपरिया सहलामन और भूला हाई स्कूल के तकरीबन 125 बच्चे अनुभूति कार्यक्रम में शामिल हुएअनुभूति कार्यक्रम में मंत्र-मुग्ध हुये स्कूली बच्चे 

कलयुग की कलम से राकेश यादव

मध्यप्रदेश इको टूरिज्म शाहडार के जंगल में अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन वृक्षों को लगाने और सुरक्षित रखने की ली गई शपथ पिपरिया सहलामन और भूला हाई स्कूल के तकरीबन 125 बच्चे अनुभूति कार्यक्रम में शामिल हुएअनुभूति कार्यक्रम में मंत्र-मुग्ध हुये स्कूली बच्चे 

कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा / ढीमरखेड़ा तहसील के शाहडार जंगलों के बीच वन विभाग के द्वारा मध्यप्रदेश इको टूरिज्म अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने स्कूली बच्चों को पेड़ों का महत्व बताते हुए जानकारी में बताया कि कोरोना काल में आॅक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत हो गई, तब लोगों को पेड़ों की अहमियत का पता चला सभी को मिलजुल कर पेड़ लगाने चाहिए और जंगल और वृक्षों की सुरक्षा करना चाहिए।

कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने खेलकूद प्रतियोगिताओं पर अपनी प्रस्तुति दी जिन्हें पुरस्कार का भी वितरण किया। उपस्थित ग्रामीणों ने विधायक से क्षेत्र के जंगलों में धड़ल्ले से कब्जा पेड़ों की कटाई और वन्य प्राणियों का शिकार से सुरक्षा व्यवस्था करने वाले विभाग के पास हथियार और हथकड़ी ना होने की समस्या से अवगत करवाया , जिस पर विधायक ने शासन स्तर पर जानकारी पहुंचा कर मामले में व्यवस्था बनाने का आश्वासन दिया। रेंजर अजय मिश्रा ने बताया कि पिपरिया सहलामन और भूला हाई स्कूल के तकरीबन 125 बच्चे अनुभूति कार्यक्रम में शामिल हुए। 13 जनवरी को दूसरे चरण के अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन शाहडार में होना है। इस दौरान एसडीएम विंकी सिंहमारे,तहसीलदार अजय मिश्रा , नमन चौरसिया ,हर्ष द्विवेदी,अमित गर्ग ,वीडी त्रिपाठी ,क्रांति यादव ,काजल सोनी, दीपक रजक, अशोक कोल ,प्रदीप तिवारी ,राजेश शर्मा, पत्रकार रमेेश पांडे अनूूप दुबे पंकज तिवारी प्रशांंत मिश्रा सहित वन विभाााग का स्टाफ मौजूद रहा।

हथकड़ी और हथियार के बिना कर रहे दायित्व का निर्वाहन 

ढीमरखेड़ा वन परिक्षेत्र अंतर्गत बाहरी लोग आकर जंगलों में अपना निवास बना रहे जिस कारण से उनके द्वारा वृक्षों को काटा जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ जंगली जीवों का भी शिकार किया जा रहा है। ऐसे लोग वन विभाग के लिये चुनौती बन गये है। बिना हथियार और हथकड़ी के वन विभाग का अमला अपने दायित्वों का निर्वाहन कर रहा है। मात्र एक लाठी के सहारे ही सुरक्षा करनी पड़ रही है। लिहाजा मामला संज्ञान में आने के बाद विधायक ने बताया कि इस संबंध में भोपाल में बैठक के दौरान यह मामला उठाया गया था। पुन: आगामी बैठक में यह मुद्दा प्राथमिकता के साथ उठाया जायेगा। चूंकि वृक्षों सहित जंगली जीवों को बचाने में वन विभाग की महती भूमिका है और ढीमरखेड़ा परिक्षेत्र में पदस्थ कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वाहन ईमानदारी से कर रहे है।

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