मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर और भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों पर लोकायुक्त के शिकंजा कसने का सिलसिला जारी है। हर आते दूसरे दिन कहीं न कहीं रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारी पकड़े जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोरी का खेल खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। ताजा मामला रीवा जिले का है जहां एक लेखापाल को 50 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रीवा लोकायुक्त की टीम ने रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। लेखापाल रिटायर्ड टीचर से उनके काम के एवज में 1.50 लाख रूपए की रिश्वत मांग रहा था।
रिटायर्ड शिक्षक से मांगी थी 1.50 लाख रिश्वत
रायपुर कर्चुलियान स्थित विकासखंड कार्यलय में पदस्थ लेखापाल दयाशंकर अवस्थी ने सुरसा खुर्द के रहने वाले रिटायर्ड टीचर वीरेन्द्र शर्मा से 1.50 लाख रूपए की रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत वीरेन्द्र शर्मा ने रीवा लोकायुक्त कार्यालय में की थी । लोकायुक्त की टीम ने शिकायत की जांच की और फिर 50 हजार रूपए की पहली किस्त लेकर फरियादी वीरेन्द्र को रिश्वतखोर लेखापाल दयाशंकर के पास भेजा। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सामने टीन शेड के नीचे वाहन पार्किंग के पास जैसी ही लेखापाल ने रिश्वत के रूपए लिए तो लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथों धरदबोचा।
2 साल से कटवा रहा था चक्कर
फरियादी रिटायर्ड टीचर वीरेन्द्र शर्मा ने बताया कि वो नवंबर 2022 में सीएम राइज स्कूल रायपुर करचुलियान से रिटायर्ड हुए थे। इसके बाद से लगातार दो साल से अर्जित अवकाश के नगदीकरण के लिए विकासखंड कार्यालय के चक्कर काट रहे थे। लेकिन रिश्वत न देने के कारण लेखापाल उनका काम नहीं कर रहा था। जब बार बार रिश्वत की डिमांड की गई तो उन्होंने लोकायुक्त में शिकायत कर दी।
रिकॉर्डिंग सुनाई तो हो गई बोलती बंद
रंगेहाथों पकड़े जाने के बाद रिश्वतखोर लेखापाल दयाशंकर पहले तो ये कहने लगा कि उसे जबरदस्ती फंसाया गया है उसने पैसों की कोई डिमांड नहीं की है। वो कह रहा था कि उसे जबरदस्ती रुपए दिए गए और ट्रैप कराया जा रहा है। लेकिन जब लोकायुक्त के अधिकारियों ने आरोपी दयाशंकर को वो ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनाई जिसमें वो रिश्वत की मांग कर रहा था तो उसकी बोलती बंद हो गई और फिर उसने लोकायुक्त की कार्रवाई में कोई बाधा नहीं डाली।