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बल्ला कांड के आरोपी आकाश ’विधानसभा’ की बाउंड्री से बाहर, पार्टी ने काटा टिकट, गोलू को बनाया प्रत्याशी, कांड पर भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम हुए थे खफा

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

भोपाल/इंदौर- नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पिटने वाले विधायक आकाश विजयवर्गीय का आखिरकार पार्टी ने टिकट काट दिया। इसके साथ ही वे विधानसभा की बाउंड्री से बाहर हो गए। बल्ला कांड के अलावा भी उनका कार्यकाल विवादित रहा, जिसमें निगम चुनाव में 3 नंबर विधानसभा के खाटी भाजपाई उनसे खफा हो गए।
भाजपा ने 92 प्रत्याशियों की पांचवीं सूची शनिवार को जारी की, जिसमें इंदौर-3, 5 और महू के प्रत्याशियों की घोषणा की गई है। 5 में विधायक महेंद्र हार्डिया और महू में विधायक उषा ठाकुर को फिर से मौका दिया गया। जबकि, इंदौर-3 से मौजूदा विधायक आकाश विजयवर्गीय का टिकट कांटकर गोलू शुक्ला को प्रत्याशी बनाया गया है। मालूम हो, 2019 में नगर निगम टीम अतिक्रमण हटाने गई थी, तभी आकाश मौके पर पहुंच गए। उन्होंने विरोध कर निगम अफसर की बल्ले से पिटाई कर दी थी।
बाद में प्रतिक्रिया में यह भी कहा था कि पहले निवेदन, फिर आवेदन और फिर दनादन जरूरी है। बल्ला कांड की गूंज दिल्ली तक पहुंची थी, जहां भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जताई थी। उसका असर देरी से हुआ पर पार्टी ने आकाश का टिकट काट दिया, जबकि प्रदेश में कई नेताओं के बच्चों को टिकट दिया गया है।

बल्लाकांड पर ये बोले थे पीएम मोदी

बल्ला कांड को लेकर पीएम मोदी ने कहा था कि ऐसा आचरण अस्वीकार्य है और कार्रवाई करनी होगी। अगर हमें एक विधायक खोना है तो ऐसा ही होगा। हमें इसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए एक उदाहरण स्थापित करना होगा। उन्होंने यहां तक कहा था कि कोई भी हो, वह किसी का भी बेटा हो, इस तरह के अहंकार, दूरव्यहार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
तीन में थी हालत पतली
मालूम हो, आकाश तीन नंबर के विधायक तो बन गए, लेकिन उसे संभाल नहीं पाए। विवादों से उनका नाता बना रहा। क्षेत्र के स्थानीय खाटी भाजपाइयों को दरकिनार कर दिया, जिन्होंने उन्हें जीताने में जी जान लगा दिया था। विधानसभा का संचालन देव से महादेव संभालने वाली टीम करती थी। विधायक सहित चार लोग ही पूरी विधानसभा चला रहे थे। निगम चुनाव में भी कई विवादित चेहरों को टिकट दिया गया। वहीं, जो वर्षों से मेहनत कर रहे थे, उन्हें घर बैठा दिया गया। सारे नेता हिसाब करने के लिए धार लगाकर बैठे थे।

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