ठेकेदार एवं जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का खामयाजा भुगत रहे ग्रामवासी यदि टंकी का निर्माण अधूरा था तो पंचायत को नहीं लेना था अपने आधीन सरकार की महत्वाकांक्षी नल जल योजना के तहत पानी की टंकी बनी नमूना
कलयुग की कलम से राकेश यादव

ठेकेदार एवं जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का खामयाजा भुगत रहे ग्रामवासी यदि टंकी का निर्माण अधूरा था तो पंचायत को नहीं लेना था अपने आधीन सरकार की महत्वाकांक्षी नल जल योजना के तहत पानी की टंकी बनी नमूना
कलयुग की कलम उमरिया पान-ढीमरखेड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बम्हनी के ग्राम कुदवारी मैं पानी की समस्या से जूझ रहे आदिवासी ग्रामवासी अनेकों बार जिम्मेदारों के पास शिकायत करने के बाद भी नहीं हो रहा समस्या का निदान। पानी की समस्या से जूझ रही ग्राम की महिलाएं बच्चे एवं बुजुर्गों ने शुक्रवार को सुबह मोर्चा खोल दिया।

ग्राम वासियों ने बताया कि 1 वर्ष पहले सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना हर घर को जल पहुंचने के उद्देश्य से नल जल योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण हुआ था। ग्राम वासी भी खुश थे कि हम लोगों को पाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा लेकिन ठेकेदार एवं जिम्मेदार अधिकारियों की कृपा के कारण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई पानी की टंकी। लोगों ने यह भी बताया कि बगैर बीम पड़े ही पूरी बाउंड्री तैयार कर दी गई थी। गुणवत्ता विहीन आधे अधूरे निर्माण वाली टंकी को पंचायत किसके कहने पर ठेकेदार से हैंडओवर ली पंचायत स्तर पर पीएचई विभाग के इंजीनियर की भी भूमिका संदेह के घेरे में है।
ग्राम वासियों ने बताया कि टंकी इतनी गुणवत्ता विहीन बनी है कि टंकी का ऊपरी हिस्सा पूरा खुला हुआ है जिसके कारण आए दिन बंदरों का मल मूत्र उड़ने वाले पंछी कबूतर गिर कर मर जाते हैं।


टंकी के ऊपरी हिस्से का हाल
और जब कभी पानी की सप्लाई चालू होती है तो वही गंदा और दूषित पानी ग्राम वासियों के घर घर तक पहुंचता है।और महिलाएं पुरुष बच्चे वही पानी पीकर बीमार होते हैं नियम के अनुसार टंकी के ऊपरी सतह में बाकायदा ठेकेदार को चारों तरफ से जाली लगानी थी जिससे कि कोई जीव जंतु पानी की टंकी पर मौत की भेंट न चढ़े। टंकी के अंदर साफ सफाई के उद्देश्य से सीढ़ियां भी बनाई जाती हैं जिससे समय-समय पर टंकी के अंदर उतरकर सफाई कर्मी साफ सफाई भी कर सकें जिससे ग्राम वासियों को साफ स्वच्छ पानी मिले ग्राम की महिलाओं ने बताया कि 1 वर्ष करीब बीतने लगें कभी रेगुलर पानी की सप्लाई नहीं हुई कभी माह में 5 दिन कभी दो माह में 15 दिन ऐसे ही सालों गुजर गए जब देखो आए दिन कुछ ना कुछ पानी सप्लाई में दिक्कत आती है जिसके कारण दो-दो माह तक सप्लाई बंद रहती है।
अभी गर्मी की शुरुवात हुई है और हम लोग बूंद बूंद पानी को तरसने लगे हैं गांव में करीब 5 से 6 हेड पंप हैं जिसमें तीन हेड पंप चालू है वह भी पानी की जगह हवा उगलते हैं नाम मात्र के लिए पानी निकलता है। महिलाएं बच्चे चला चला कर परेशान हो जाते हैं तब कहीं जाकर पानी नसीब होता है सरकार हर घर को पीने का पानी पहुंचाने का दावा कर रही है लेकिन सारे दावे जमीनी हकीकत में ग्रामीण अंचल में फेल नजर आते हैं कागजों में कुछ है लेकिन जमीनी हकीकत में आज भी गांव में किल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर है ग्राम वासी।
ग्राम वासियों का कहना है कि समय रहते हुए हमारी पानी की समस्याओं का निदान किया जाएं इस दौरान संतान ठाकुर, विनोद कोल, छोटू गौटिया, निर्भय काछी,अर्जुन गौटिया, नरेश सेन, धनु सेन, कोमल गौटिया, छब्बू गौटिया, पंचम कोल, केसरी गौटिया, नब्बी बाई, दुर्गाबाई, सरोज बाई, सकुन बाई, मुन्नीबाई, शगुन बाई, रजनी बाई, संतो बाई, नंदीबाई, पंजो बाई, चंदाबाई, सावित्रीबाई, मुन्नी बाई, गुड्डी बाई, सहित गांव की महिलाएं एवं पुरुष बच्चे मौजूद रहे।




