मध्यप्रदेश

कटनी जिला पंचायत सीईओ कर रहे पंचायत एक्ट का घोर उल्लंघन, जिपं अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सदस्याें ने विरोध जताते हुआ सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई न होने पर समूहिक रूप से इस्तीफा देने दी चेतावनी

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कटनी- जिले के पुलिस अधिकारी हों या फिर प्रशासनिक अधिकारी इनके रवैये से जनप्रतिनिधि बिल्कुल भी खुश नहीं हैं। जिले के चाराें विधायकाें ने कुछ दिन पहले कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे तो वहीं अब जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित अधिकांश सदस्याें ने जिला पंचायत सीइओ व अफसरों के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। सोमवार को विरोध जताते हुए राष्ट्रपति, राज्यपाल व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की है। पंचायत राज अधिनियम में कटनी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिशिर गेमावत पर पंचायत एक्ट का घोर उल्लंघन करने का आरोप मढ़ा है।

जनप्रतिनिधियाें का आरोप है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। भ्रष्टाचाराें के आरोपाें की जांच नहीं हो रही, निंदा प्रस्ताव के बाद भी अधिकारियाें पर कार्रवाई सीइओ नहीं कर रहे, विभागों की समीक्षा पर विभागीय अधिकारियाें द्वारा जानकारी नहीं देने पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा, जिला पंचायत सदस्य अजय गोटिया, माला मौसी, मोहनी देवी, रीना लोधी, कविता राय, रघुराज सिंह, सोनू मिश्रा, प्रेमलाल केवट सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।

अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य बेवजह विरोध कर रहे हैं। 24 दिसंबर को 18 फरवरी को पत्र देकर जिपं अध्यक्ष ने 26 फरवरी को बैठक करने कहा गया, महाशिवरात्रि होने के कारण बैठक करने से मना कर दिया गया। फिर मैं 23 फरवरी से 2 मार्च तक अवकाश पर था। 12 मार्च को फिर बैठक करने कहा गया, इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष से चर्चा कर एजेंडा छोटा करने कहा गया। बताया गया कि मार्च क्लोजिंग है, इसलिए समय पर जानकारी नहीं मिल पाएगी। यह सुझाव दिया तो उसको गलत मान लिया और विरोध कर रहे हैं। निंदा प्रस्ताव पर कार्रवाई के लिए विवरण कलेक्टर को भेज दिया है। शिशिर गेमावत, जिला पंचायत सीइओ

जिला पंचायत अध्यक्ष का आरोप

जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा ने कहा कि वे अनूसूचित जाति से हैं। मेरे बार-बार ऐजेन्डा जारी करने के बाद भी जिला पंचायत के सीइओ द्वारा बैठक की सूचना जारी नहीं करते। मैं एक महिला जिला पंचायत अध्यक्ष हूं और अनुसूचित जाति से हूं, अत: कम पढ़ी लिखी महिला हूं, जिसके कारण आज तक मुझे निज सहायक उपलब्ध नहीं कराया गया। मेरे शासकीय लिखित आवास का तत्कालीन लेखा अधिकारी अशुतोष खरे के द्वारा उस समय पैसा जिला पंचायत से आहरण किया गया है। मेरे यहां शासकीय आवास की साज-सज्जा को कोई भी वस्तु उपलब्ध नहीं है। सभी सदस्यों से पूर्व में जो भी सामान्य सभा का निर्णय पारित किया गया उनका किसी भी तरह कियावन्वय नहीं किया गया। सदस्यों के द्वारा जो पत्राचार किया जाता है उनका पालन आज दिनांक तक नहीं किया गया। सदस्यों से मिलते भी नहीं। इनके पदस्थापना पर सवाल खड़े करते हुए जांच कार्रवाई की मांग की है। यह भी चेताया है कि कार्रवाई न होने पर अध्यक्ष एवं सभी सदस्य समूहिक रूप से इस्तीफा देने के लिए बाध्य होंगे।

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