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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष वन स्टॉप सेंटर के प्रयासों से लौट रहा महिलाओं का सम्मान कटनी जिले में वन स्टॉप सेंटर फरवरी 2017 से संचालित है। जिसमे महिला के परिवार और पति पत्नि के आपसी विवाद को खत्म करके जोड़ने का काम किया जाता है।

कलयुग की कलम से राकेश यादव

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष वन स्टॉप सेंटर के प्रयासों से लौट रहा महिलाओं का सम्मान कटनी जिले में वन स्टॉप सेंटर फरवरी 2017 से संचालित है। जिसमे महिला के परिवार और पति पत्नि के आपसी विवाद को खत्म करके जोड़ने का काम किया जाता है।

कलयुग की कलम कटनी-महिला सम्मान की दिशा में महिला एवं बाल विकास का वन स्टॉप सेंटर मील का पत्थर साबित हो रहें हैं। भारत में वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत 1 अप्रैल 2015 को हुई थी। इसे सखी वन स्टॉप सेंटर के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ से हिंसा से प्रभावित महिलाओं को सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंचाया जाता है।

कटनी जिले में वन स्टॉप सेंटर फरवरी 2017 से संचालित है। जिसमे महिला के परिवार और पति पत्नि के आपसी विवाद को खत्म करके जोड़ने का काम किया जाता है। जबकि स्थिति यह तक बनी है कि महिलाओं ने अपने पति और परिवार वालो की शिकायत थाने में दर्ज तक करा दी थी। लेकिन वन स्टॉप सेंटर में जब उनकी काउसिंलिग तीन-चार बार की गई तो वह परिवार साथ रहने तैयार हो गये।

जिले में वन स्टॉप सेंटर के आरंभ होने से अब तक कुल 1797 केस दर्ज हुए है जिसमें 365 केस में डीआईआर (घरेलू हिंसा प्रकरण) दर्ज हुए, 20 महिलाओं को विधिक सहायता, 29 को पुलिस सहायता, 235 को अस्थाई आश्रय दिया गया उन्हें वापस सुरक्षित घरो तक पहुंचायां गया। 1148 केसो में महिलाओं को परामर्श सहायता दी गई।

कुल प्राप्त केसों में से 1757 का निराकरण हुआ एवं 40 प्रकरणों पर वर्तमान में कार्यवाही चल रही है। वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से महिलाओं को महिला सशक्तिकरण की दिशा में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण से भी जोड़ा जाता रहा है, जिसमें वर्तमान में 07 महिलायें आईटीआई एन० के० जे० कटनी मे प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है।

वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक सुषमा नाग ने बताया कि यहां ऐसे गम्भीर केस आते है जो वास्तव में परिवार के लिए समस्या बने होते है। यहाँ माह में लगभग 45-50 प्रकरण आते है जिसमे प्रत्येक माह 20-25 केस का निराकरण हो जाता है।

वन स्टॉप सेंटर की सहायक प्रशासक शैली तिवारी ने बताया कि महिलाओं को महिला सम्मान के प्रति जागरूक करने विभिन्न प्रकार की प्रचार-प्रसार गतिविधियों का आयोजन वन स्टॉप सेंटर से स्कूल, कॉलेजो, ऑगनवाड़ी एवं पंचायत स्तर पर होता रहता है। जिससे कार्यालय का पता, दूरभाष क० एवं महिला हेल्पलाइन की जानकारी क्षेत्र में व्यापक रूप से फैल सके।

कार्यालय में परामर्शदात्री, केस वर्कर, विधिक सलाहकार, आई टी वर्कर एवं समस्त स्टॉफ महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए लगातार 24 बाय 7 घंटे कार्यरत रहता है।

नासमझी से उत्पन्न हुए विवाद को वन स्टॉप सेंटर ने टूटने से बचाया

हिरवारा निवासी सुरेन्द्र चौधरी (परिवर्तित नाम) के द्वारा जनसुनवाई में अपनी गर्भवती पत्नि के मायके से वापस घर न आने की शिकायत की जिसके बाद वन स्टॉप सेंटर से दोनो पक्षों की तीन काउसिंलिग के बाद उनकी गलतफहमी को दूर कर टूटते घर को बचाया गया। दोनो पति पत्नि अब खुशहाल जीवन की शुरुआत अपने नवजात बच्चे के साथ करने लगे है।

पति की मृत्यु के बाद आपसी रिश्तों में आई दरार को किया गया दूर

स्वयं से आई आवेदिका सरिता चौधरी (परिवर्तित नाम) निवासी इमलिया के द्वारा वन स्टॉप सेंटर आकर बताया गया कि पति की मृत्यु के बाद से उसके ससुराल वालों का व्यवहार उसके साथ ठीक नहीं था। जिस वजह से महिला मायके में रह रही थी। शिकायत के बाद महिला के मायके पक्ष एवं ससुराल पक्ष को बुलाकर दोनों पक्षों परामर्श दिया गया तथा महिला को ससम्मान ससुराल में जगह मिल सके।

वन स्टॉप सेंटर बना रिश्तों को सुधारने की मिसाल

महिला हेल्पलाइन के माध्यम से आई शिकायतकर्ता अनीता सपेरा (परिवर्तित निवासी स्लीमनाबाद के द्वारा देवर से विवाद की शिकायत की गई। दोनों पक्षों को बुलाकर 2 का कारण समझा गया और परामर्श दिया गया। अब परिवार विवाद को खत्म कर अच्छे से रहने लगा जिससे संयुक्त परिवार को टूटने से बचाया गया।

सुरक्षित सम्मान सहित भटकती महिला को उसके घर पहुँचाया

बड़वारा थाना के माध्यम से घर से भटकी हुई महिला को सुरक्षा की दृष्टि से वन स्टॉप सेंटर लाया गया। जहाँ उसे अस्थाई आश्रय दिया गया एवं टीम के प्रयासों से महिला को उसके निवास तक जो कि अन्य जिला दमोह की थी उसे सुरक्षित घर तक पहुंचायां गया।

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