आधारताल के निलंबित पटवारी जागेंद्र पीपरे को पत्र जारी तहसील में हुये फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड फरार पटवारी 8 जनवरी को हो पेश लिपिक को भी नोटिस हुआ जारी, अनुपस्थिति पर होगी बर्खास्ती की कार्यवाही एफआईआर होने के बाद से ही लगातार फरार चल रहे हैं 6 आरोपी
कलयुग की कलम से राकेश यादव

आधारताल के निलंबित पटवारी जागेंद्र पीपरे को पत्र जारी तहसील में हुये फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड फरार पटवारी 8 जनवरी को हो पेश लिपिक को भी नोटिस हुआ जारी, अनुपस्थिति पर होगी बर्खास्ती की कार्यवाही एफआईआर होने के बाद से ही लगातार फरार चल रहे हैं 6 आरोपी
कलयुग की कलम जबलपुर-जबलपुर के संयुक्त कलेक्टर पुष्पेंद्र आहके ने तहसील मंझौली में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 अजय चौबे और तहसील कार्यालय आधारताल के निलंबित पटवारी जागेंद्र पीपरे को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि दोनों की लगातार अनुपस्थिति के कारण उनकी विभागीय जांच लंबित हो रही है। इस संबंध में 8 जनवरी को विभागीय अधिकारी के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखने की मोहलत दी है। अनुपस्थिति पर एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी। दरअसल, जमीन फजीर्वाड़े के मामले में पटवारी जागेंद्र पीपरे और लिपिक अजय चौबे फिलहाल फरार हैं और जिस तरह से अधारताल तहसील में इतने बड़े पैमाने पर जमीन का फर्जीवाड़ा कर किसी दूसरे व्यक्ति की जमीन किसी अन्य के नाम पर कर करोड़ों रूपये कमाये गये उसका मुख्य सरगना पटवारी संघ का पूर्व अध्यक्ष जागेंद्र पीपरे है इसके द्वारा ही भ्रष्टाचार की बुनियाद रखी गई थी। जिस क्षेत्र में यह फर्जीवाड़ा हुआ है उसका हल्का पटवारी भी जागेंद्र पीपरे रहा है।

उल्लेखनीय है कि मॉडल टॉउन निवासी शिवचरण पांडे के पिता महावीर पांडे के नाम पर रैगवां में एक हेक्टेयर जमीन थी। महावीर की मौत के बाद शिवचरण का नाम दस्तावेजों में दर्ज हुआ। लेकिन, आठ अगस्त 2023 को एकाएक शिवचरण का नाम खसरे समेत अन्य दस्तावेजों से हटा दिया गया। जिस पर शिवचरण ने मामले की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की थी जिसके बाद जांच शुरू की गई।
अधिकारी-कर्मचारी समेत 7 बने थे आरोपी
मामले की जांच की गई, तो पता चला कि ये जमीन तहसील कार्यालय में पदस्थ कम्प्यूटर आॅपरेटर दीपा दुबे ने तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे और पटवारी जागेंद्र पीपरे के साथ मिलीभगत करके षड्यंत्र पूर्वक महावीर के नाम की फर्जी वसीयत बनाई गई जिसमें उन्होंने पूरी जमीन का नामांतरण अपने पिता श्याम नारायण चौबे के नाम पर करा लिया। उस वक्त श्याम नारायण कलेक्ट्रेट कार्यालय में ड्राइवर के पद पर पदस्थ थे। उनकी मौत के बाद दीपा ने जमीन का नामांतरण अपने भाई के नाम पर करवा लिया और जमीन को बेच दिया पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया है। मामला दर्ज होने के तत्काल बाद तहसीलदार धुर्वे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था लेकिन अन्य 6 आरोपी अभी भी फरार चल रहे है। घोटाले में शामिल कर्मचारियो और अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच भी संस्थित की गई जिसमें ये लगातार अनुपस्थिति है। लिहाजा सभी को अंतिम नोटिस जारी कर 8 जनवरी को उपस्थित होने के आदेश दिये है। अनुपस्थिति की दशा में सभी के विरूद्ध बर्खास्ती की कार्यवाही की जायेगी।
आंगे खाई, पीछे कुंआ
घोटालेबाजी की चादर में अंधा होकर निलंबित पटवारी पिपरे के द्वारा ग्रामीणों को खून के आंसु रूलाया गया और जो समर्थयवान लोग है उनके इशारे की कठपुतली बनके नाचना इसकी आदत में शुमार हो गया था। कहते है ईश्वर के देर है अंधेर नहीं है। ये कहावत इस भ्रष्ट पटवारी पर सटीक बैठ रही है। अगर यदि भ्रष्ट पटवारी जागेंद्र पीपरे जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होता है तो उसकी तलाश में बैठी पुलिस उसे तत्काल गिरफ्तार कर लेगी और यदि जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं होता तो उस पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है याने आंगे खाई, पीछे कुंआ की कहावत यहां पर चरितार्थ हो रही है। हालांकि कलेक्टर जबलपुर श्री सक्सेना के द्वारा जिस तरह से भ्रष्टाचारियो पर कार्यवाही की गई है वह अपने आप में एक मिशाल है। कलेक्टर के द्वारा की गई कार्यवाही के बाद से ही 6 आरोपी लगातार फरार चल रहे है जिस कारण से इनके विरूद्ध अन्वेषण कार्यवाही प्रारंभ नहीं हो पा रही है।
एक नजर
महर्षि ज्ञान युग दिवस

 
				 
					
 
					
 
						


