डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना”: डेयरी इकाइयों के लिए मिलेगा सरकारी अनुदान और बैंक ऋण
कलयुग की कलम से राकेश यादव

“डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना”: डेयरी इकाइयों के लिए मिलेगा सरकारी अनुदान और बैंक ऋण
कलयुग की कलम कटनी – राज्य में दूध और दुग्ध उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने तथा पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन के पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा “डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना” शुरू की गई है।इस योजना में डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए बैंक ऋण सुविधा के साथ-साथ शासकीय अनुदान प्रदान किया जाएगा।
*योजना की मुख्य विशेषताएँ और पात्रता*
यह हितग्राही मूलक योजना मध्यप्रदेश में निवास करने वाले सभी पशुपालकों के लिए है। योजना के तहत एक हितग्राही एक या एक से अधिक इकाई (अधिकतम 8 इकाइयां, 200 दुधारू पशु) ले सकता है। प्रत्येक इकाई के लिए न्यूनतम 3.50 एकड़ कृषि भूमि होना आवश्यक है। यदि भूमि छोटे-छोटे भागों में है, तो संपूर्ण भूमि एक ही तहसील में होनी चाहिए। परिवार के सामूहिक भूमि खाते भी मान्य होंगे, बशर्ते अन्य सदस्यों की सहमति हो। वर्तमान में दुग्ध संघों या प्रोड्यूसर कंपनियों को दूध की आपूर्ति कर रहे पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही आवेदक को किसी भी बैंक का डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए।
*योजना का स्वरूप और वित्तीय सहायता*
यह योजना “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर संचालित होगी। इस योजना के अंतर्गत 25 दुधारू पशुओं की इकाई स्थापित की जाएगी। इसमें केवल गौवंश या केवल भैंसवंश ही हो सकते हैं, और सभी पशु एक ही प्रजाति (नस्ल) के होंगे।
इकाई में भारतीय मूल की देशी नस्लें जैसे साहीवाल, गिर, थारपारकर, रेड सिंधी, संकर नस्लें जैसे एच.एफ. जर्सी और भैंसों में मुर्रा, भदावरी, सूरती, मेहसाना शामिल होंगी। एक इकाई की लागत देशी गाय की नस्ल के लिए 36 लाख रुपये और संकर गाय, भैंस के लिए 42 लाख रुपये निर्धारित की गई है।
*अनुदान*
योजनांतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के हितग्राहियों के लिए परियोजना लागत का 33 प्रतिशत जबकि अन्य श्रेणी के हितग्राहियों के लिए परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।जबकि ऋण की अधिकतम अवधि 7 वर्ष होगी, जिसमें बैंक द्वारा पहली किस्त के वितरण के 6 माह बाद मासिक किस्तें शुरू होंगी।
*पशु क्रय संबंधी नियम*
योजनांतर्गत क्रय किए जाने वाले पशु प्रथम या द्वितीय व्यांत के होने चाहिए और उनका दुग्ध उत्पादन भैंसों में 8 लीटर, संकर गाय में 10 लीटर और देशी गाय में 7 लीटर प्रतिदिन से कम नहीं होना चाहिए। पशु राज्य के बाहर से खरीदे जाएंगे और उनका ट्रांजिट इंश्योरेंस अनिवार्य होगा। पशुओं की खरीद प्रत्येक 4 माह के अंतराल पर 3 चरणों में होगी (पहले चरण में 9 और शेष 2 चरणों में 8-8 पशु)।
*आवेदन प्रक्रिया*
आवेदन विभागीय वेबसाइट www.mpdah.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन किए जा सकते हैं। राज्य स्तर पर आवेदन का परीक्षण किया जाएगा, और पात्रता पूरी होने के बाद प्रकरणों को जिलेवार बैंक पूल में अग्रेषित किया जाएगा।




