KKK NEWS MP को मिले छह पुरस्कार, इंदौर सातवीं बार नंबर-1, भोपाल इस कैटेगरी में अव्वल स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में मध्य प्रदेश को छह पुरस्कार मिले
कलयुग की कलम से राकेश यादव
MP को मिले छह पुरस्कार, इंदौर सातवीं बार नंबर-1, भोपाल इस कैटेगरी में अव्वल स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में मध्य प्रदेश को छह पुरस्कार मिले
इंदौर सातवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना, भोपाल सर्वाधिक स्वच्छ राजधानी
स्वच्छता के मामले में प्रदेश पिछड़ा, स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार में मप्र दूसरे स्थान पर
भोपाल-स्वच्छता में प्रदेश ने एक बार फिर कीर्तिमान बनाए हैं। देश के सबसे स्वच्छ शहर की श्रेणी में इंदौर फिर सरताज रहा तो भोपाल को देश की सबसे स्वच्छ राजधानी का पुरस्कार मिला है। इन्हें मिलाकर स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में मध्य प्रदेश को छह पुरस्कार मिले हैं। हालांकि, बेस्ट परफारमिंग राज्य की श्रेणी में प्रदेश दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। सबसे ऊपर महाराष्ट्र है।
महू को सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का अवार्ड मिला है। देश का पांचवां सबसे साफ शहर भोपाल रहा है। पिछले बार वह छठे स्थान पर था। सर्वाधिक स्चच्छ शहरों की श्रेणी में सूरत भी इंदौर के साथ पहले नंबर पर आ गया। इसके बाद नवी मुंबई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी भी उपस्थित थीं।
महाराष्ट्र से यहां पिछड़ा मध्य प्रदेश
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहर को कचरा मुक्त बनाने पर मिलने वाली स्टार रेटिंग (एक, तीन, पांच और सात स्टार) में वर्ष 2023 में महाराष्ट्र के सौ नगरीय निकायों को स्टार रेटिंग मिली, जबकि मप्र के मात्र 96 को। हालांकि, कुल स्टार रेटिंग की बात करें तो अभी भी मप्र के 158 शहरों को स्टार रेटिंग मिली हुई है, जबकि महाराष्ट्र के 112 को। बता दें कि वर्ष 2022 के सर्वेक्षण में पहले स्थान पर मध्य प्रदेश, दूसरे पर छत्तीसगढ़ और तीसरे पायदान पर महाराष्ट्र रहा।
कचरा उठाने के पहले ही हर तरह के कचरा को अलग-अलग करने का काम अभी मप्र में मात्र 54.10 प्रतिशत जबकि महाराष्ट्र में 67.76 प्रतिशत हो रहा है। प्रदेश में कचरा मुक्त सिटी के मापदंड में पांच स्टार शहर मात्र भोपाल है, जबकि महाराष्ट्र में दो हैं। तीन स्टार शहर में मप्र में 24 और महाराष्ट्र में 28 हैं। सात स्टार शहर दोनों राज्यों में एक-एक हैं। खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) शहरों का अलग-अलग श्रेणी में मूल्यांकन किया गया। इसमें दोनों राज्य लगभग बराबर स्थिति में हैं।
मोहन यादव ने प्रधानमंत्री को दिया श्रेय
मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों, जनप्रतिनिधियों और स्वच्छता मित्रों को बधाई देते हुए उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इंदौर का लगातार सातवीं बार स्वच्छता के शिखर पर पहुंचने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन को जाता है। उनके नेतृत्व में प्रदेश स्वच्छता के संकल्प को साकार करने में निरंतर अपना योगदान देता रहेगा। उन्होंने आशा व्यक्त कि की आगामी सर्वेक्षण में प्रदेश और बेहतर प्रदर्शन करेगा। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौरवासियों ने पुनः सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता न सिर्फ उनकी आदत बन चुकी है, बल्कि अब उनकी सोच में भी स्वच्छता ही है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि स्वच्छता के प्रति उनका जुनून कभी कम न हो।
स्वच्छता के अलग-अलग मापदंड में मप्र की स्थिति श्रेणी
शहरी निकाय पुरस्कार- छह वाटर – सात कचरा मुक्त शहर एक स्टार- 132 तीन स्टार- 24 पांच स्टार- एक सात स्टार- एक घर से कचरा संग्रहण-90.59 प्रतिशत स्रोत में ही गीला व सूखा कचरा अलग करना –54.10 प्रतिशत कचरे का निपटान करने की प्रक्रिया- 73.58 प्रतिशत
इन श्रेणियों में भी मिला पुरस्कार
भोपाल को स्वच्छ शहरों की सूची में गार्बेज फ्री सिटी (जीएफसी) में पांच स्टार रेटिंग के साथ पांचवा स्थान मिला। प्रदेश के 15 हजार से 20 हजार जनसंख्या वाले शहरों में बुदनी को पश्चिम जोन के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला। एक लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में नौरोजाबाद और अमरकंटक को फास्ट मूविंग सिटी श्रेणी में प्रथम और द्वितीय स्थान मिला है। महू ने सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का खिताब हासिल किया है।
 
				 
					
 
					
 
						


