जनपद में साकार हुआ आस्था का अद्भुत केंद्र दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर का भव्य निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आरंभ
राहुल पाण्डेय की कलम

जनपद में साकार हुआ आस्था का अद्भुत केंद्र दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर का भव्य निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आरंभ
ढीमरखेड़ा । जनपद प्रांगण स्थित प्राचीन दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में शुक्रवार से आरंभ हुए प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव ने पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना दिया है। श्रद्धा, भक्ति और समर्पण की त्रिवेणी से ओतप्रोत यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्रवासियों की अटूट आस्था और एकता का जीवंत प्रतीक भी बन गया है।
*संतों और भक्तों के सानिध्य में पूर्ण हुआ निर्माण कार्य*
इस मंदिर का नवनिर्माण कार्य विगत कुछ वर्षों से क्षेत्रीय संत श्री बनवारी दास जी महाराज के सानिध्य में निरंतर चल रहा था। उनकी प्रेरणा और आशीर्वाद से सैकड़ों भक्तों ने तन, मन और धन से सहयोग करते हुए इस दिव्य धाम को साकार किया।
भक्तों का कहना है कि “यह मंदिर केवल ईंट और पत्थरों का ढांचा नहीं है, बल्कि यह उनकी श्रद्धा, विश्वास और समर्पण का जीवंत प्रतीक है।” श्री बनवारी दास जी महाराज ने मंदिर निर्माण के दौरान बार-बार यह संदेश दिया कि “जहाँ भक्ति होती है, वहीं भगवान का वास होता है।” उनकी प्रेरणा से असंख्य लोगों ने सेवा का भाव अपनाया, परिणामस्वरूप आज एक ऐसा भव्य मंदिर खड़ा हुआ है जिसे देखकर हर किसी का हृदय आनंद और गर्व से भर उठता है।
*भव्य प्राण प्रतिष्ठा का शुभारंभ*
शुक्रवार से आरंभ हुए तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान (17 से 19 अक्टूबर) की शुरुआत विधि-विधानपूर्वक पूजन और संकल्प से की गई। प्रख्यात विद्वान पंडितों और आचार्यों की उपस्थिति में मंत्रोच्चारण और वैदिक रीतियों के साथ हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। सुबह के समय मंदिर प्रांगण में शंख, घंटा और नगाड़ों की गूंज से वातावरण मंगलमय हो उठा। श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन और अनुष्ठान में भाग लेने पहुंचे। भक्तजन अपने घरों से पुष्प, फल, प्रसाद और नारियल लेकर पहुंचे।
*आस्था और भावनाओं का अद्भुत संगम*
मंदिर परिसर का दृश्य देखते ही बनता था चारों ओर भगवा पताकाएं, फूलों की सजावट और रोशनी से आलोकित प्रांगण ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वर्ग धरती पर उतर आया हो । यह प्राचीन दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पहले से ही क्षेत्र में श्रद्धा का केंद्र रहा है, परंतु नए भवन के निर्माण के बाद इसकी भव्यता और भी बढ़ गई है। कहा जाता है कि दक्षिणमुखी हनुमान जी की मूर्ति विशेष रूप से शत्रु नाशक और संकटमोचक मानी जाती है, इसलिए दूर-दूर से भक्त यहाँ आकर पूजा-अर्चना करते हैं।




