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KKK NEWS नहीं थम रहा पलायन का दौर बाहर जाकर मजदूरी करने को विवश है क्षेत्र के लोग

कलयुग की कलम से राकेश यादव

नहीं थम रहा पलायन का दौर बाहर जाकर मजदूरी करने को विवश है क्षेत्र के लोग

कटनी ढीमरखेड़ा-ढीमरखेड़ा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्र से ग्रामीण लोग पलायन करने को मजबूर हैं क्षेत्र में मजदूरों को कोई काम ही नहीं है इसलिए अपने बीवी बच्चों के साथ मजबूरी में बाहर जाने को मजबूर हैं मजदूर

सरकार कितना भी दावा करे कि मजदूर बहन भाइयों को गांव में ही रोजगार देंगे लेकिन यह सब बातें खोखली नजर आ रही है ढीमरखेड़ा ब्लॉक की जितनी भी ग्राम पंचायतें हैं वहा भी मनरेगा नरेगा के तहत मजदूरों से काम करते हैं तो चार पांच-पांच माह हो जाता है अभी तक मनरेगा की राशि खाते में नहीं डली ऐसे में मजदूर वर्ग भी मजबूरी में बाहर जाने को मजबूर है कहीं-कहीं तो ऐसा हाल है कि बाहर जाकर मजदूर भी फ्रॉड लोगों के चक्कर में फंसकर बंधक बनकर रह जाते हैं आए दिन ऐसी खबरें सुनने को मिलती है बाहर जाकर मजदूर भी फस जाता है बड़े-बड़े महलों में रहने वाले लोग बंधुआ मजदूर बनाकर काम करते हैं और फिर पैसा देने से मुकर जाते हैं क्षेत्र की कई ऐसी घटनाएं सामने आई जिसमें जिला प्रशासन एवं जन प्रति निधि लोगों ने बंधक मजदूरों को छुड़ाकर वापस मजदूरों के गांव तक पहुंचवाया है यदि मजदूरों को क्षेत्र में ही या ग्राम पंचायत स्तर में काम मिले तो मजदूर बाहर क्यों जाए यह बातें बाहर पलायन करने वाले मजदूर अपनी जुबान से बयां करते हैं पेट के लिए मजबूरी में जाना पड़ता है कौन नहीं चाहता कि घर में रहकर ही अपने क्षेत्र और गांव में कम करें

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