मध्यप्रदेश

हाईकोर्ट ने छतरपुर जिले के तहसीलदार-पटवारी के खिलाफ FIR आदेश पर लगाई रोक, जाने वजह

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

जबलपुर- मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने अंतरिम आदेश के जरिए तहसीलदार व पटवारी के विरुद्ध एफआइआर पर रोक लगा दी। राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। इसके लिए चार सप्ताह की मोहलत दी गई। प्रकरण पर अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को निर्धारित की है।

याचिकाकर्ता छतरपुर निवासी शिवकुमारी दुबे सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता रत्नभारत तिवारी ने पक्ष रखा। बताया गया कि याचिकाकर्ताओं को वर्ष 1997 में तहसीलदार चंदला, जिला छतरपुर ने विधिवत राजस्व प्रकरण दर्ज कर कृषि भूमि का पट्टा प्रदान किया था। प्रतिवादी गयादान ने 2018 में यचिकाकर्ताओं को पट्टा देने के खिलाफ कलेक्टर, छतरपुर से शिकायत की। कलेक्टर ने तहसीलदार से शिकायत के संबंध में जांच प्रतिवेदन तलब कर लिया। तहसीलदार ने अपने जांच प्रतिवेदन में याचिकाकर्ताओं को विधिवत पट्टा प्रदान किए जाने का उल्लेख किया। कलेक्टर ने शिकायत निरस्त कर दी थी। आदेश के विरुद्ध शिकायतकर्ता गयादीन ने संभागायुक्त, सागर के समक्ष अपील दायर कर दी। जिसकी सुनवाई करते हुए संभागायुक्त न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के पट्टे निरस्त करते हुए तत्कालीन तहसीलदार व पटवारी सहित अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए थे। जिसके विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।

हाईकोर्ट ने संभागायुक्त के पट्टे निरस्त करने के आदेश पर रोक लगाने के साथ ही तहसीलदार व पटवारी के विरुद्ध एफआइआर के निर्देश पर भी रोक लगा दी।

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