ढीमरखेड़ा शिक्षा केंद्र के अंतर्गत स्थित पी.एम. श्री शासकीय हाई स्कूल गोपालपुर में गणित विषय पढ़ा रहे शिक्षक गणेश यादव की पी. एम. श्री स्कूल में हों वापसी एक सामूहिक जनभावना की पुकार पालकों ने जन सुनवाई में कलेक्टर श्री यादव के नाम दिया सामूहिक आवेदन।
कलयुग की कलम से राकेश यादव

ढीमरखेड़ा शिक्षा केंद्र के अंतर्गत स्थित पी.एम. श्री शासकीय हाई स्कूल गोपालपुर में गणित विषय पढ़ा रहे शिक्षक गणेश यादव की पी. एम. श्री स्कूल में हों वापसी एक सामूहिक जनभावना की पुकार पालकों ने जन सुनवाई में कलेक्टर श्री यादव के नाम दिया सामूहिक आवेदन।
कलयुग की कलम उमरिया पान -शिक्षा केवल एक पाठ्यक्रम नहीं होती, बल्कि यह समाज की नींव होती है। जब कोई शिक्षक अपने समर्पण, मेहनत और परिणामों से विद्यार्थियों के भविष्य को सँवारता है, तो उसका महत्व केवल एक पद या स्थानांतरण से नहीं आँका जा सकता । ढीमरखेड़ा शिक्षा केंद्र के अंतर्गत स्थित पी.एम. श्री शासकीय हाई स्कूल गोपालपुर में गणित विषय पढ़ा रहे शिक्षक गणेश यादव की वापसी की मांग को लेकर जिस प्रकार पालकों ने कलेक्टर जनसुनवाई में अपनी बात रखी, वह अपने आप में एक उदाहरण है कि जब एक शिक्षक विद्यार्थियों और पालकों के दिलों में बस जाता है, तब उसकी अनुपस्थिति एक शून्य छोड़ जाती है जिसे भरना आसान नहीं होता।
शिक्षक गणेश यादव ने पी.एम. श्री शासकीय हाई स्कूल गोपालपुर में गणित विषय के नियमित शिक्षक के रूप में कई वर्षों तक कार्य किया। गणित जैसा विषय, जो आमतौर पर विद्यार्थियों को कठिन लगता है, उसे भी गणेश यादव ने अपने पढ़ाने की शैली और स्पष्टता से रोचक और समझने योग्य बना दिया। उनके मार्गदर्शन में स्कूल का गणित विषय का परिणाम 81% तक पहुँचा, जो किसी भी शासकीय विद्यालय के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने ना सिर्फ़ विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी कराई, बल्कि उनके अंदर गणित की मूलभूत समझ को विकसित किया। विद्यार्थी उन्हें एक सच्चे गुरु के रूप में मानते थे, जो उनकी कमजोरी को समझते और व्यक्तिगत स्तर पर सहयोग करते थे।फ़रवरी 2025 में किसी आंतरिक विवाद के कारण शिक्षक गणेश यादव को शासकीय माध्यमिक शाला गौरा में शैक्षणिक व्यवस्था के अंतर्गत पदस्थ कर दिया गया। यह निर्णय किसी प्रशासनिक आवश्यकता के तहत लिया गया था, परंतु इसके परिणामस्वरूप गोपालपुर स्कूल में गणित विषय की गुणवत्ता में गिरावट देखी गई। शिक्षक के स्थानांतरण के बाद, विद्यालय के गणित विषय के परीक्षा परिणामों में भारी गिरावट आई, जिससे विद्यार्थियों का आत्मविश्वास भी प्रभावित हुआ। अभिभावकों ने महसूस किया कि गणेश यादव का योगदान केवल अंकशास्त्र तक सीमित नहीं था, बल्कि वे बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक रहे हैं। गोपालपुर क्षेत्र के पालक नरेंद्र, सुनील, उमेश, लुकेश पाल, बलेश पाल, वीरेंद्र कुमार आदि ने कलेक्टर जनसुनवाई में जाकर शिक्षक गणेश यादव को पुनः गोपालपुर में यथावत करने की मांग रखी। गणेश यादव के कार्यकाल में बच्चों का गणित से डर समाप्त हो गया था। बच्चों को व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन मिलता था। परीक्षा परिणामों में सकारात्मक बदलाव आया था। वर्तमान में विद्यार्थियों को समझने में कठिनाई हो रही है और शिक्षण गुणवत्ता प्रभावित हुई है। शिक्षक यादव के जाने से एक भावनात्मक दूरी बन गई है जिससे बच्चों में निराशा है। जनसुनवाई में दर्जनों पालक उपस्थित रहे, जिनमें से कई ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार उनके बच्चे पहली बार गणित विषय में अच्छे अंक लाने लगे थे। कुछ पालकों ने तो यहाँ तक कहा कि गणेश यादव के पढ़ाने के बाद ही बच्चों ने गणित विषय को करियर के रूप में लेने का सोचना शुरू किया।




