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शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह का गोद लिया गांव करौंदी विकास से रह गया अछूता, खेती, वन संपदाओं के भरोसे जीवन यापन, सांसद ने लौट कर नहीं ली सुध
कलयुग की कलम से सोनू त्रिपाठी की रिपोर्ट
कटनी/शहडोल- देश का भौगोलिक केंद्र और सांसद का गोद लिया गांव करौंदी विकास से अछूता है। बड़वारा विधानसभा (कटनी जिला) की ग्राम पंचायत बम्हनी के इस गांव में निवास करने वाले 80 से ज्यादा आदिवासी परिवार अशिक्षा, बेरोजगारी के बोझ तले दबे हैं। खेती, वन संपदाओं के भरोसे जीवन यापन करने वाले इन परिवारों की सांसद ने सुध नहीं ली।
सांसद हिमाद्री सिंह ने गांव को गोद तो ले लिया, लेकिन लोगों का हाल जानने नहीं पहुंचीं। ग्रामीणों की मानें तो 2021 में गांव के बाहर मैदान में पौधरोपण कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचीं थीं। उन्हें समस्या बताने ग्रामीण एकत्रित हुए, लेकिन सांसद पौधरोपण के बाद अन्य कार्यक्रम में चली गईं। गांव में लगभग 100 परिवारों में 500 लोग निवासरत हैं। 5 वीं तक पढ़ाई के बाद पांच किमी का सफर मिडिल स्कूल के लिए और लगभग सात किमी का सफर हाईस्स्कूल, हायर सेकंडरी तक शिक्षा ग्रहण करने के लिए तय करना पड़ता है।
सिंचाई के समुचित साधन नहीं
गांव के लगभग 70% परिवार खेती, वन संपदा पर निर्भर हैं। खेती के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती। दो ट्रांसफॉर्मर घरेलू कनेक्शन के लिए हैं। पांच वर्ष में एक सामुदायिक भवन और नल-जल योजना के तहत टंकी की सौगात मिली है। इसके अलावा लोग आज भी कच्ची सड़क से आवागमन करने को मजबूर हैं।

पूर्व पीएम का था लगाव
गांव से पूर्व पीएम चंद्रशेखर का विशेष लगाव था। यहां उनके निवास स्थान के साथ ही अन्य प्राचीन धरोहर हैं। देखरेख के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गया है। विकास कार्य भी देखरेख के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो गए हैं।
अमृत सरोवरों में एक बूंद पानी नहीं
ग्रामीणों की मानें तो करौंदी में अमृत सरोवर योजना के तहत तीन तालाब बने हैं। लाखों रुपए खर्च कर तैयार किए गए इन अमृत सरोवरों में एक बूंद पानी नहीं है। इसी गांव में दो जुलाई 2017 को कराया गया पौधरोपण गिनीज बुक में दर्ज है। हालांकि वर्तमान में पौधे नजर नहीं आ रहे।





