ग्रामीणों ने लगाया सड़क निर्माण में अनियमितता का आरोप,बड़ी पोंडी से मुरवारी सड़क निर्माण का मामला, राशि स्वीकृति होने के बाद भी तीन साल पहले नहीं कराया निर्माण सड़क निर्माण के नाम पर की जा रही खानापूर्ति, बरसात में किसानों सहित ग्रामीणों को कीचड़ युक्त दलदल से होकर करना पड़ता है सफ़र
कलयुग की कलम से राकेश यादव

ग्रामीणों ने लगाया सड़क निर्माण में अनियमितता का आरोप,बड़ी पोंडी से मुरवारी सड़क निर्माण का मामला, राशि स्वीकृति होने के बाद भी तीन साल पहले नहीं कराया निर्माण सड़क निर्माण के नाम पर की जा रही खानापूर्ति, बरसात में किसानों सहित ग्रामीणों को कीचड़ युक्त दलदल से होकर करना पड़ता है सफ़र
कलयुग की कलम उमरिया पान -जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पचायत बड़ी पोंड़ी से मुरवारी पहुँच मार्ग सड़क की स्थिति बेहद खराब है। बरसात में दिनों में ग्रामीणों को उबड़ खाबड़ मार्ग से सफर करना होगा। मिट्टी और गढ्ढे होने से ग्रामीणों को परेशान होना पड़ेगा। राशि स्वीकृति हुए चार साल का समय गुजर गया, लेकिन सड़क का निर्माण अब तक नहीं हो सका। सड़क का निर्माण नहीं होने से बारिश के दिनों में ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित होगा। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग कटनी (आरईएस) के द्वारा करीब 32 लाख रुपये की राशि से ग्रेवल सड़क का निर्माण कार्य कराया जाना है। करीब साढ़े तीन किलोमीटर की यह सड़क बीते कई सालों से खराब पड़ी है। ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण कार्य के नाम पर ठेकेदार द्वारा सिर्फ खनापूर्ति की जा रही है। सड़क पर जहाँ गढ्ढे हैं, वहाँ ट्रैक्टर की सहायता से वहीं की मिट्टी बिछाई जा रही है, ताकि सड़क समतल हो सके।वह भी सिर्फ सड़क के कुछ भाग में, जबकि सड़क का अधिकतर भाग अब भी उबड़ खाबड़ पड़ा है। बुधवार और गुरुवार को आसमान से गिरी पानी की बौछारों से सड़क पर पड़ी मिट्टी मच गई। पैदल चलने वाले ग्रामीणों और किसानों के पैरों में मिट्टी लिपट गई, मोटरसाइकिल तो बीच रास्ते में ही फंस गई, बूंदाबांदी थमने का बाद मोटरसाइकिल को घसीटकर लाना पड़ा।



12- 13 किलोमीटर का लगाना पड़ता है चक्कर
ग्रामीण अतुल त्रिपाठी, सच्चिदानंद तिवारी, जयकुमार पटेल, अशोक पटेल, अजय पटेल, सत्यम पांडेय सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि बड़ी पोंड़ी के लोगों को जरूरती सामाग्री की खरीददारी के लिए मुरवारी गांव करीब तीन से चार किलोमीटर पड़ता है। नजदीक होने के कारण लोगों को समय और धन की बचत भी होती है। यहाँ लोगों को सभी प्रकार के संसाधन भी उपलब्ध हो जाते है। लेकिन सड़क खराब होने के कारण ग्रामीणों को 12 से 13 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। साधन का अभाव भी रहता है।ऐसे में लोगों को उमरियापान और ढीमरखेड़ा जाना उनकी मजबूरी बन जाती है। सड़क नहीं बनने के कारण मुरवारी से ढीमरखेड़ा शासकीय महाविद्यालय आने वाले छात्र छात्राओं को चक्कर लगाकर आना पड़ता है। ग्रामीणों ने अनेकों दफा सड़क निर्माण की मांग किया, लेकिन जिम्मेदारों ने सुध नहीं लिया।
बारिश में बंद हो जाएगा लोगों का आना जाना
ग्रामीण रामनाथ पटेल, महेश पटेल, जयप्रकाश पटेल, रविकांत पटेल,देव शंकर पटेल सहित ग्रामीणों ने बताया कि बड़ी पोंड़ी से कौभी नाला होते हुए मुरवारी पहुँच मार्ग का निर्माण नहीं होने के कारण इस बार बारिश के दिनों फिर ग्रामीणों का आना जाना बंद हो जाएगा। सड़क पर मिट्टी होने से सड़क पूरी तरह से कीचड़मय हो जाती है। ऐसे में दो पहिया वाहनों का निकलना तो मुश्किल हैं।मिट्टी सनी और फिसल की समस्या होने के कारण पैदल सफर करने में भी ग्रामीण कतराते हैं। सड़क पर पत्थर और गढ्ढे होने के कारण लोगों को गिरने और चोटिल होने का खतरा भी हैं। इस कारण ग्रामीणों का बारिश में आवागमन बाधित हो जाता है। ग्रामीणों ने जल्द सड़क निर्माण की मांग की हैं। जिससेे कि आवागमन में सुविधा हो सके।
इनका कहना है
मुरवारी से पोंडी तक बनाई जा रही सड़क में लीपापोती की जा रही है। ठेकेदार और विभाग की सांठगांठ हैं। विभागीय अधिकारी कार्रवाई करने से कतराते हैं। गुणवत्तापूर्ण निर्माण हो तो ग्रामीणों को सुविधा मिलेंगी।
अशोक पांडेय,जागरूक ग्रामीण
मुरवारी से पोंड़ी तक ग्रेवल रोड़ निर्माण होना है।मापदण्डों के मुताबिक सड़क का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।ठेकेदार ने काम शुरू कर दिया है। ग्रामीणों की सुविधा को देखते हुए जल्द ही सड़क बनेंगी।
प्रदीप यादव,उपयंत्री
पहले जिस ठेकेदार को टेण्डर मिला था, कुछ दिनों बाद भी उनके द्वारा निर्माण शुरू नहीं किया गया। अब दूसरे ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य कराया जाएगा। ठेकेदार द्वारा सामग्री डाली जा रही है। एक सप्ताह में काम हो जाएगा।
 
				 
					
 
					
 
						


