प्रशासन

ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में उपार्जन केन्द्रों पर धान का लगा अंबार, धान परिवहन की गति धीमी होने के चलते केन्द्रों में धान रखने की समस्या हुई शुरू

कलयुग की कलम से सोनू त्रिपाठी

कटनी- ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में 15 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी हो रही है। उपार्जन केन्द्रों पर धान का अंबार लगा है। धान परिवहन की गति धीमी होने के चलते केन्द्रों में धान रखने की समस्या शुरू हो गई है। ऐसे में धान खरीदी प्रभावित हो रही है। केंद्रों में जगह के अभाव में रोजाना किसानों को भटकना पड़ता है, जिसके चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। धान खरीदी के दौरान समय से परिवहन न होने से केंद्र में जगह की कमी हो गई है, जिस कारण खरीदी भी धीमी हो रही है। केंद्र प्रभारी अन्यंत्र स्थानों पर खरीदी कर रहे हैं। परिवहन न होने से केन्द्रों में नया स्टेग लगाने के लिए जगह नहीं है ऐसे में केंद्र में धान खरीदी धीमी रफ्तार से हो रही है। धान खरीदी की सुस्त रफ्तार से इस केंद्र में पंजीकृत किसान भी परेशान हैं।
ढीमरखेड़ा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ब्रजेश जाटव ने गुरुवार को खाम्हा, सिलौंड़ी और कचनारी उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान केंद्रों में उपज का अंबार लगा मिला। उन्होंने किसानों और केंद्र प्रभारियों से चर्चा की। बगैर पंजीकृत किसानों को केन्द्रों में उपज नहीं रखने को कहा। किसानों ने बताया कि परिवहन न होने से उनकी तौल नहीं हो पा रही है। किसानों ने यह भी कहा कि साहब अभी तक उनके खाते में रुपये नहीं आये हैं। केंद्र प्रभारियों ने बताया कि केंद्रों में उपज खरीदकर रखी है। परिवहन न होने से उन्हें भी परेशानी होती हैं। केन्द्रों में उपज रखने की जगह तक नहीं है। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ब्रजेश जाटव ने बताया कि खाम्हा में 18 हजार क्विंटल, सिलौंडी में 20 हजार क्विंटल और कचनारी में 17 हजार क्विंटल की उपज परिवहन के लिए रखी है। इसी प्रकार उमरियापान,मडेरा, देवरी मंगेला, टोला, पोंडी कला बी, ढीमरखेड़ा, मुरवारी, झिंना पिपरिया, खमतरा दशरमन, कछारगांव बड़ा के उपार्जन केंद्रों में भी उपज रखी है। परिवहन न होने की स्थिति में कुछ केन्द्रों में खरीदी बंद पड़ी है। तो कुछ केंद्रों में एक्का-दुक्का किसानों की उपज की तौल हो पा रही है। परिवहन न होने से किसानों के साथ केन्द्र प्रभारियों को भी समस्या हो रही है।

अफसरों का दावा: 78 फीसदी धान का हुआ परिवहन

एक ओर जहां परिवहन न होने से कई केंद्रों में खरीदी बंद है तो वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अफसरों का दावा है कि जिले में अबतक 78 प्रतिशत धान का परिवहन किया जा चुका है। बताया गया है कि जिले में अब तक 18 हजार 493 कृषकों से 1 लाख 65 हजार 265 मैट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। साथ ही 2 हजार 281 कृषकों को 47 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। उपार्जित धान 1 लाख 65 हजार 265 मैट्रिक टन के विरूद्ध 1 लाख 9 हजार 701 मैट्रिक टन धान का परिवहन किया जा चुका है। इस प्रकार अब तक कुल धान खरीदी का 78 प्रतिशत धान का परिवहन और भंडारण किया जा चुका है। इसके अलावा 73 हजार 345 स्वीकृति पत्रक भी जारी किये जा चुके हैं। कृषकों को 47 करोड़ की राशि का भुगतान आधार लिंक बैंक खाते के जेआइटी के माध्यम से किया जा चुका है।

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