मध्यप्रदेश

शहडोल में ASI की ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या के बाद जागा प्रशासन, देर रात रेत माफियाओं के खिलाफ हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई, 2 चैन माउंटेन समेत 20 से अधिक वाहन जब्त, रेत माफियाओं में मचा हड़कंप

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

मध्यप्रदेश के शहडोल में रेत माफिया द्वारा पुलिस एएसआई की अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या करने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद जिला प्रशासन की नींद खुली है। देर रात को राजस्व, पुलिस और माइनिंग विभाग ने संयुक्त रूप से रेत के अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बता दें कि ये ताबड़तोड़ कार्रवाई खबर लिखे जाने तक जारी है।
वहीं, एएसआई की हत्या के मामले में ब्योहारी थाना प्रभारी मुन्नालाल रहंगडाले को लाइन अटैच कर दिया गया है। वहीं, एएसआई महेंद्र बागरी पर ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर फरार हुए चालक विजय उर्फ राज रावत और उसके साथी आशुतोष सिंह के साथ साथ ट्रैक्टर मालिक सुरेन्द्र सिंह बघेल को भी शहडोल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 379, 414, 34 भादवि और धारा 4, 21 खनिज अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है। साथ ही, खनन कारोबारी पिता पुत्र के खिलाफ जिला बदर पेश किया गया है। इधर, आरोपियों के अवैध निर्माणों पर प्रशासन का बुल्डोजर भी चलाया गया है।

अवैध वाहन जब्त

इसी के साथ जिलेभर में रेत के अवैध कारोबार के खिलाफ कार्रवाई में जुटी संयुक्त टीम ने अवैध रेत लदे हाइवा और चैन माउंटेन मशीन की जब्ती कार्रवाई की है। टीम ने 2 पोकलेन (चैन माउंटेन) मशीन जब्त कर 20 से अधिक रेत वाहनों पर कार्रवाई की है। जिला प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई से रेत के कारोबार से जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया है।

एक्शन में प्रशासन

आपको बता दें कि शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को ब्यौहारी थाने में पदस्थ ASI महेन्द्र बागरी की रेत माफियाओं द्वारा ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी थी। इस मामले को मध्य प्रदेश के मुखयमंत्री मोहन यादव ने गंभीरता से लेते हुए दोषियों के साथ साथ रेत के अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसी के बाद से जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया और कारर्वाई शुरु की है।

प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

ASI की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या की खबर से जिला प्रशासन, खनिज और पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे हैं। इस घटना की क्षेत्रीय विधायक शरद कोल ने निंदा करते हुए जिला प्रशासन के कार्यप्रणाली सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग अगर पहले ही जाग जाता तो पुलिस जवान की जान नहीं जाती। जवान की हत्या के लिए प्रशासन भी दोषी उतना ही दोषी है।

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