आस्थामध्यप्रदेश

उमरियापान में नवरात्र पर्व पर निकली 211 मीटर लंबी विशाल चुनरी यात्रा बड़ी माई को चढ़ाई गई लाल चुनरी और महाकाली को अर्पित हुई काली चुनरी, विधायक व नगर के जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु हुए शामिल

कलयुग की कलम से राकेश यादव

उमरियापान में नवरात्र पर्व पर निकली 211 मीटर लंबी विशाल चुनरी यात्रा बड़ी माई को चढ़ाई गई लाल चुनरी और महाकाली को अर्पित हुई काली चुनरी, विधायक व नगर के जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु हुए शामिल

 

कलयुग की कलम उमरिया पान – शारदेय नवरात्रि पर्व की पंचमी तिथि पर शुक्रवार को उमरियापान नगर में आस्था और भक्तिभाव का अनुपम संगम देखने को मिला, जब पारंपरिक उत्साह और धार्मिक उल्लास के साथ विशाल चुनरी यात्रा का आयोजन किया गया। नगर के मचखंडा मोहल्ला स्थित बड़ी माई मंदिर से प्रारंभ हुई यह चुनरी यात्रा नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए माता के दरबार तक पहुँची। यात्रा में भक्तों का उत्साह और माता के जयकारों से पूरा नगर गुंजायमान हो उठा।यह भव्य चुनरी यात्रा माता की आराधना और नवरात्रि पर्व की विशेष परंपरा का प्रतीक है, जिसे देखने और इसमें शामिल होने के लिए न केवल उमरियापान नगर बल्कि आसपास के ग्रामीण अंचलों से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े।

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211 मीटर लंबी चुनरी बनी श्रद्धा का प्रतीक

यात्रा की शुरुआत शुक्रवार सुबह मचखंडा मोहल्ला स्थित बड़ी माई मंदिर से बैंड-बाजों और ढोल-नगाड़ों की गूंज के साथ हुई। भक्तों की भीड़ माता के जयकारों से आसमान गुंजायमान कर रही थी। चुनरी यात्रा में श्रद्धालु माता रानी के भजन गाते हुए, हाथों में ध्वज, पताकाएं और कलश लेकर माता के दरबार की ओर बढ़ते नजर आए। यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों — कटरा बाजार, न्यू बस स्टैंड, झंडा चौक होते हुए स्लीमनाबाद मार्ग स्थित बड़ी माई मंदिर पहुँची।

यहाँ पर श्रद्धालुओं ने आस्था और भक्ति के प्रतीक के रूप में 211 मीटर लंबी लाल रंग की विशाल चुनरी माता बड़ी माई को अर्पित की। इस दौरान मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लगा रहा। पूजा-अर्चना के बाद आरती और प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया।

महाकाली मंदिर में चढ़ाई गई 211 मीटर लंबी काली चुनरी

बड़ी माई मंदिर में पूजा-अर्चना के उपरांत चुनरी यात्रा पुनः झंडा चौक, बस स्टैंड और बावली मंदिर होते हुए चंडी माता मंदिर की ओर रवाना हुई। यहाँ पर महाकाली माता के चरणों में 211 मीटर लंबी काली चुनरी अर्पित की गई। माता की आरती और प्रसाद वितरण के साथ पूरे परिसर में भक्तिभाव और आस्था का माहौल बना रहा।महाकाली मंदिर में चुनरी चढ़ाने की इस अनूठी परंपरा का विशेष धार्मिक महत्व माना जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि माता को अर्पित की गई चुनरी से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और परिवार में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

महिलाओं और युवतियों की कलश यात्रा बनी आकर्षण

चुनरी यात्रा में महिलाओं और युवतियों ने सिर पर कलश रखकर पारंपरिक वेशभूषा में नगर भ्रमण किया। उनके साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाव खेलते और दंड भरते हुए माता के दरबार तक पहुँचे। यात्रा में माता अंबे की जीवंत झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसे देखने के लिए श्रद्धालु रास्ते भर रुकते नजर आए।नगर में यात्रा के दौरान भक्ति गीतों और जयकारों से वातावरण भक्तिमय बना रहा। हर घर, हर गली और हर चौक पर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर चुनरी यात्रा का स्वागत किया।

 

जनप्रतिनिधियों की रही सहभागिता

इस विशाल चुनरी यात्रा में क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह, मंडल अध्यक्ष आशीष चौरसिया सहित कई जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन के सदस्य मौजूद रहे। सभी ने माता के चरणों में नमन कर नगर की सुख-समृद्धि और जनकल्याण की कामना की।

विधायक श्री सिंह ने इस अवसर पर कहा कि नवरात्रि पर्व भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं का जीवंत उदाहरण है। मां दुर्गा की आराधना से समाज में शक्ति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने आयोजकों को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई देते हुए इसे सामाजिक एकता और धार्मिक आस्था का प्रतीक बताया।

सुरक्षा व्यवस्था में रही पुलिस मुस्तैद

चुनरी यात्रा को सफल और सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए थाना प्रभारी दिनेश तिवारी बल सहित पूरी व्यवस्था में मौजूद रहे। पूरे मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। नगर के प्रमुख मार्गों पर पुलिस बल की तैनाती रही और यातायात को भी व्यवस्थित रूप से नियंत्रित किया गया।

oplus_34चार वर्षों से जारी है परंपरा

माता के भक्त प्रमोद असाटी, अतुल असाटी और अन्य आयोजनकर्ताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि नवरात्रि पर्व पर विशाल चुनरी यात्रा निकालने की परंपरा पिछले चार वर्षों से लगातार जारी है। हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है और लोगों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि उमरियापान स्थित बड़ी माई मंदिर प्रदेशभर में प्रसिद्ध है। नवरात्रि पर्व पर यहाँ हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं।आयोजनकर्ताओं ने बताया कि चुनरी यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में एकता, सौहार्द और सांस्कृतिक समरसता को भी बढ़ावा देती है। हर वर्ग और हर समुदाय के लोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का संगम

उमरियापान में निकली इस विशाल चुनरी यात्रा ने यह साबित कर दिया कि धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने और एकजुट करने का माध्यम भी है। माता के जयकारों से गूंजते नगर में हर कोई आस्था से ओतप्रोत नजर आया।

नवरात्रि के पावन अवसर पर आयोजित यह चुनरी यात्रा न केवल धार्मिक आयोजन था, बल्कि यह श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का ऐसा संगम था जिसने हर सहभागी के मन में माता के प्रति गहरी आस्था और भक्ति का संचार किया।नवरात्रि पर्व पर उमरियापान में निकली यह विशाल चुनरी यात्रा न केवल धार्मिक परंपरा और आस्था की मिसाल बनी, बल्कि इसने समाज में एकता और सद्भाव का संदेश भी दिया। 211 मीटर लंबी लाल और काली चुनरी के साथ माता के चरणों में अर्पण की गई भक्ति ने हर श्रद्धालु के मन को संतोष और आनंद से भर दिया। आगामी वर्षों में भी इस परंपरा को और भी भव्य और विराट रूप में आयोजित करने का संकल्प आयोजनकर्ताओं ने व्यक्त किया।

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