प्रशासनमध्यप्रदेश

महिलाओं को मृदा परीक्षण एवं केंचुआ खाद निर्माण का दिया गया तकनीकी प्रशिक्षण

कलयुग की कलम से राकेश यादव

महिलाओं को मृदा परीक्षण एवं केंचुआ खाद निर्माण का दिया गया तकनीकी प्रशिक्षण

कलयुग की कलम कटनी – राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान कटनी के सहयोग से विकासखंड बहोरीबंद की ग्राम पंचायत अमंगवा की स्व-सहायता समूह की 33 महिलाओं को आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए कृषि उद्यमी का 13 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहा प्रशिक्षण संस्था के संचालक पवन कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक सुनील रजक के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा दिया जा रहा है।

इसी क्रम में महिलाओं को मृदा परीक्षण, केंचुआ खाद निर्माण एवं जैविक कीटनाशक निर्माण की जानकारी दी गई। मिट्टी परीक्षण के लिए गर्मी में गेहूं की कटाई के बाद खेत से प्रति हेक्टर 15 से 20 स्थान से मिट्टी नमूना लेकर बताई गई विधि से 500 ग्राम मिट्टी को नमूना पत्रक के साथ मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भेजने तथा परिणामपत्रक में दी गई सिफारिश के अनुसार फसलों में खाद देने की तकनीकी जानकारी दी गई। मिट्टी परीक्षण से पीएच मान, अम्लीयता, क्षारीयता, विद्युत चालकता, नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश की भूमि में उपलब्धता की जानकारी प्राप्त होती है। केंचुआ खाद बनाने के लिए आईसीनिया फोटीडॉ केंचुआ कचरा एवं गोबर को 30 से 45 दिन में खाद बना देता है प्रति एकड़ 8 से 10 क्विंटल केंचुआ खाद का उपयोग फसलों के लिए होता है। जिसमें सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। केंचुआ खाद के उपयोग से भूमि की गुणवत्ता में सुधार, जलधारण क्षमता में वृद्धि तथा फसलों में कीट एवं रोग कम लगते हैं तथा फलों, सब्जियों एवं अनाजों का उत्पादन बढ़ जाता है। साथ ही पौष्टिक स्वाद, रंग एवं आकार अच्छा हो जाता है। प्रशिक्षण के दौरान केंचुआ एवं केंचुआ खाद से वार्षिक आय की जानकारी दी गई जिससे खेती लाभ का धंधा बन सके एवं खेती की लागत कम हो तथा बाजार पर निर्भरता कम हो।

इसके अतिरिक्‍त ग्राम में उपलब्ध संसाधनों से जैविक कीटनाशक बनाने के लिए गोमूत्र नीम की पत्ती एवं अन्य पत्तियों का उपयोग कर पांच पत्ती काढ़ानिमास्त्र, ब्रह्मास्त्र एवं आग्नेयास्त्र आदि को बनाने तथा फसलों में उपयोग करने का तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया गया।

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