कमजोर छात्रों के लिए गौरा स्कूल के शिक्षकों ने किया नवाचार’पठन-पाठन मित्र जोड़ी’ से मिल रहे सकारात्मक परिणाम
कलयुग की कलम से राकेश यादव

कमजोर छात्रों के लिए गौरा स्कूल के शिक्षकों ने किया नवाचार‘पठन-पाठन मित्र जोड़ी’ से मिल रहे सकारात्मक परिणाम
कलयुग की कलम उमरिया पान –विकासखंड ढीमरखेड़ा के शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय, गौरा स्कूल के शिक्षक परिवार ने मिलकर एक ‘पठन-पाठन मित्र जोड़ी’ नामक पहल शुरू की है। इस पहल में एक होशियार छात्र को एक ऐसे छात्र के साथ जोड़ा जाता है जो पढ़ने में कमजोर है। यह होशियार छात्र, एक शिक्षक की तरह, पुस्तकालय के समय अपने मित्र को पढ़ाता है।
यह अनूठा नवाचार इतना सफल रहा कि इसके चमत्कारी परिणाम सामने आए हैं। सिर्फ दो दिनों में ही, जो बच्चे ठीक से पढ़ नहीं पाते थे, वे अब कुछ-कुछ पढ़ने लगे हैं। शिक्षकों को उम्मीद है कि अगले एक से दो हफ्तों में 90 से 100 प्रतिशत तक सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
विद्यालय के प्रभारी महेंद्र सिंह ठाकुर, ने इस नवाचार का श्रेय शिक्षकों की टीम को दिया, जिसमें केशव प्रसाद पटेल, लक्ष्मीकांता झारिया, मूरतध्वज दुबे, और गरिमा तिवारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए उन्हें जिला की डाइट फैकल्टी और प्राचार्य एम. पी. डुंगडुंग के साथ-साथ वरिष्ठ व्याख्याता राजेंद्र असाटी से भी निरंतर मार्गदर्शन मिलता रहता है। वे कहते हैं कि अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता के पलायन के कारण बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ता है। वे स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं, जिससे वे अन्य छात्रों की तुलना में पिछड़ जाते हैं और उनमें एक प्रकार की हीन भावना आ जाती है। लेकिन कटनी जिले के विकासखंड ढीमरखेड़ा के शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय, गौरा के शिक्षकों ने एक अनूठा ‘नवाचार’ अपनाकर इस समस्या का समाधान ढूंढ निकाला है।




