मध्यप्रदेश

एमपी के जबलपुर में 20 जुलाई को आयोजित किये जा रहे रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होने अभी तक 3 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने कराया पंजीयन

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी

जबलपुर- प्रदेश में औद्योगिकरण को गति देने की मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशा के अनुरूप जबलपुर में 20 जुलाई को आयोजित किये जा रहे रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होने अभी तक 3 हजार से अधिक प्रतिभागियों द्वारा अपना रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में देश और विदेश के एक हजार से अधिक उद्यमियों के भाग लेने की संभावना है। प्रदेश के संतुलित और समान विकास के उद्देश्य से संभाग स्तर पर आयोजित की जा रही उज्जैन के बाद यह दूसरी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होगी । उज्जैन में इसी वर्ष मार्च माह में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया था।
महाकौशल क्षेत्र के केंद्र बिंदु संस्कारधानी जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक और सूचना केंद्र में होगी। इस एक दिवसीय औद्योगिक समागम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव करेंगे। कॉन्क्लेव में जबलपुर सहित समूचे महाकौशल क्षेत्र की औ‌द्योगिक क्षमताओं और अवसरों को प्रदर्शित किया जायेगा तथा खनन एवं खनिज, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र एवं परिधान, पर्यटन तथा रक्षा के क्षेत्र पर सेक्टोरल प्रजेन्टेशन के जरिये इन क्षेत्रों में निवेशकों को निवेश के लिए आकर्षित किया जायेगा। कॉन्क्लेव में प्रमुख बाजारों के प्रतिभागियों को एक मंच पर लाने का प्रयास होगा, जिससे महत्वपूर्ण चर्चाओं और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
कॉन्क्लेव में सेक्टोरल प्रजेन्टेशन के अलावा वन टू वन बैठकें, बायर-सेलर मीट भी होगी, जिनमें औ‌द्योगिक जगत एवं उ‌द्योग संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे। कॉन्क्लेव में जबलपुर और महाकौशल क्षेत्र की औद्योगिक विकास की संभावनाओं पर केंद्रित प्रदर्शनी एवं जबलपुर एक्सपो का आयोजन भी होगा। इसके अतिरिक्त इस आयोजन में जबलपुर क्षेत्र की एक जिला एक उत्पाद की पहल को प्रदर्शित किया जायेगा तथा महुआ, चावल, तूअर दाल, कोदो-कुटकी, हरा मटर, मार्बल जैसे अनूठे स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित कर निर्यात क्षमता को बढ़ाने के प्रयास किये जायेंगे। ये उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं एवं राज्य के निर्यात विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से क्षेत्र के औ‌द्योगिक बुनियादी ढांचे पर चर्चा होगी, जिसमें औ‌द्योगिक पार्कों की उपलब्धता, कुशल श्रम शक्ति और सहायक नीतियों पर जोर दिया जायेगा। जिससे निवेश हेतु अनुकूल वातावरण बनेगा।

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