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भ्रष्टाचारी सचिव संदीप अग्रहरि को जारी हुआ कारण बताओ सूचना पत्र, सरकार के पैसे की होली खेलने का लिया ठेका अब जिले की सबसे बड़ी पंचायत उमरियापान का लिया प्रभार, पोर्टल से पैसे निकालने की माने जाते हैं रेलगाड़ी

कलयुग की कलम से सोनू त्रिपाठी की रिपोर्ट

उमरियापान- ग्राम पंचायतों की भूमिका केवल ग्रामीण विकास तक सीमित नहीं होती, बल्कि वे शासन की नींव मानी जाती हैं। इनके कार्यों की गुणवत्ता सीधे तौर पर ग्रामीण जीवन को प्रभावित करती है। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरी मंगेला में कार्यरत सचिव संदीप अग्रहरि पर लगाए गए आरोप शासन के इस महत्वपूर्ण स्तंभ को झकझोरते हैं। उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका के अनुसरण में जिला पंचायत कटनी द्वारा की गई जांच के पश्चात जो तथ्य सामने आए हैं, वे अत्यंत गंभीर हैं और शासन-प्रशासन की पारदर्शिता, जवाबदेही एवं ईमानदारी पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं। याचिका क्रमांक 21413/2025 में उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिनांक 23 जून 2025 को पारित आदेश के अनुरूप परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत कटनी द्वारा ग्राम पंचायत देवरी मंगेला की समग्र कार्यप्रणाली की जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में सचिव संदीप अग्रहरि के विरुद्ध अनेक वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं के प्रमाण प्रस्तुत किए गए, जिनके आधार पर उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। यह पत्र मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 के नियम 3 एवं अनुशासन तथा अपील नियम 1999 के नियम 4 के तहत कार्रवाई की चेतावनी के साथ जारी किया गया। जुलाई 2023 में मनरेगा योजना के अंतर्गत 6.20 लाख रुपये लागत की वृक्षारोपण योजना स्वीकृत की गई थी। जांच में पाया गया कि केवल 20-25% पौधे ही जीवित हैं। यह दर्शाता है कि पौधों की देखभाल, सिंचाई और सुरक्षा व्यवस्था में भारी लापरवाही बरती गई। पौधों की उत्तरजीविता दर बेहद कम होना प्रशासनिक कर्तव्यों की अवहेलना है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में देवरी से मुख्य मार्ग तक सड़क निर्माण कार्य के लिए 14.14 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार मात्र 30% राशि खर्च की गई और कार्य अधूरा पड़ा है। सड़क स्थल पर कीचड़, जलभराव और आवागमन में बाधा की स्थिति पाई गई, जिससे ग्रामीणों को असुविधा हो रही है। 24 दिसंबर 2024 को विधायक निधि से ग्राम पंचायत को 1.50 लाख रुपये की राशि रंगमंच निर्माण के लिए प्राप्त हुई थी। निरीक्षण में पाया गया कि कार्य केवल प्लिंथ लेवल तक ही किया गया है, शेष कार्य लंबित है। यह निधि का स्पष्ट दुरुपयोग है। 31 मई 2022 को सरपंच द्वारा आरोग्य केंद्र परिसर में पेवर ब्लॉक निर्माण हेतु 2.07 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी। यह कार्य 15वें वित्त आयोग की गाइडलाइन तथा जिला योजना समिति से अनुमोदित नहीं था। सचिव द्वारा इस अवैध योजना को प्रशासकीय स्वीकृति देना गंभीर अनियमितता है। कलेक्टर के आदेश से स्वीकृत 10.02 लाख रुपये की योजना के अंतर्गत सीवर सिस्टम का कार्य पूर्ण दिखाया गया, लेकिन मौके पर निरीक्षण में पाया गया कि लोहे के ढक्कन क्षतिग्रस्त हैं, सीवर खुला पड़ा है, मिट्टी जमा हो रही है और जलभराव से नागरिक परेशान हैं। इससे कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं।पिछले 2 वर्ष 4 माह में ग्राम पंचायत द्वारा सफाई के नाम पर 4,91,070 रुपये व्यय किए गए, जबकि जमीनी स्तर पर साफ-सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं है। यह रकम कार्य के मुकाबले अत्यधिक प्रतीत होती है।ग्राम पंचायत में नलजल योजना संचालित नहीं है, फिर भी 2,97,455 रुपये नलजल योजना के नाम पर खर्च किए गए। यह स्पष्ट रूप से शासन की राशि का दुरुपयोग और धोखाधड़ी का संकेत देता है।

जहां – जहां रहे पदस्थ वहां -वहां किया भ्रष्टाचार

इन सभी मामलों में सचिव द्वारा शासकीय निधि के उपयोग, योजनाओं के क्रियान्वयन, तकनीकी पर्यवेक्षण एवं कार्य संपादन में घोर लापरवाही बरती गई हैं। मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 के नियम 3 इसमें स्पष्ट है कि कोई भी पंचायत कर्मी अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदार, निष्पक्ष और कर्तव्यनिष्ठ रहेगा। सचिव द्वारा की गई लापरवाहियाँ इस नियम का उल्लंघन हैं। मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 के नियम इसके अंतर्गत यदि कोई पंचायतकर्मी अपने पद का दुरुपयोग करता है या कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रहता है, तो उसके विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है। सचिव ग्राम पंचायत के मुख्य प्रशासक होते हैं। उनके दायित्वों में योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन, ग्राम सभा को सूचना देना, सही तकनीकी मार्गदर्शन, खर्च का उचित लेखा-जोखा रखना एवं योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण सुनिश्चित करना शामिल है। जब ये दायित्व निभाए नहीं जाते और जनता को परेशानी होती है, तो यह भ्रष्टाचार और शासन के प्रति अवमानना का द्योतक है।

ग्रामवासियों की पीड़ा और असंतोष

रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत देवरी मंगेला में विकास योजनाएं अधूरी हैं, सीवर सिस्टम व सड़क निर्माण जैसे आधारभूत कार्यों की स्थिति बदहाल है, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। शासन की योजनाएं तभी सफल हो सकती हैं जब उन्हें सही तरीके से लागू किया जाए। सचिव की लापरवाही ने ग्रामवासियों को उनकी मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया है।

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