उमरिया पान मंडल में. डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर बूथ स्तर पर जगह-जगह श्रद्धांजलि दी गई। श्री मुखर्जी के जीवन और उनके योगदान को याद किया गया।
कलयुग की कलम से राकेश यादव

उमरिया पान मंडल में. डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर बूथ स्तर पर जगह-जगह श्रद्धांजलि दी गई। श्री मुखर्जी के जीवन और उनके योगदान को याद किया गया।
कलयुग की कलम उमरिया पान -भाजतपा मंडल उमरियापान में पितृ पुरुष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर बूथ क्रमांक 187 में डॉ. मुखर्जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर जिला मंत्री विजय दुबे,मंडल अध्यक्ष आशीष चौरसिया, संदीप सोनी और अन्य प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित थे। पदाधिकारीयों ने बूथ स्तर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित कर श्री मुखर्जी के जीवन और उनके योगदान पर चर्चा की।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु श्रद्धांजलि अर्पण
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर बूथ स्तर पर जगह-जगह श्रद्धांजलि दी गई। और श्री मुखर्जी के बलिदान को याद करने और उनके योगदान को याद किया गया।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का योगदान और जन्म
श्री श्यामाप्रसाद मुखर्जी (जन्म: 6 जुलाई 1901 – मृत्यु: 23 जून 1953) शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे उनका दुखद निधन 23 जून 1953 की सुबह हुआ। वे केवल 52 वर्ष के थे। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी लोक सभा के सदस्य, स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट का हिस्सा और उसके बाद एक प्रमुख विपक्षी नेता थे। उन्हें मई 1953 में जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा बिना किसी मुकदमे के हिरासत में लिया गया था। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापक भी थे, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी में परिवर्तित हो गई थी।
जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संघर्ष
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए के खिलाफ आवाज उठाई और इसके लिए संघर्ष किया।डॉ. मुखर्जी एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए काम किया।
कार्यक्रम का संदेश
उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संकल्प।सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।




