प्रशासनमध्यप्रदेश

रातें जागकर गुजारीं, दिन भी खुद को भुला दिया, सुरक्षा हमारी खातिर, खुद के आराम को ठुकरा दिया, अपराधियों के लिए काल है ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी अभिषेक चौबे , ईमानदारों के हैं रखवाले, पुलिस वाले है तो शांति है देश में, आप हैं तो हम सुरक्षित हैं वाले ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी अभिषेक चौबे का कार्य सराहनीय जिस दिन से ढीमरखेड़ा में रखा कदम अपराधियों में दहशत का माहौल क्षेत्र में हों रही प्रशंसा, आमजन में विश्वास

राहुल पाण्डेय की कलम

रातें जागकर गुजारीं, दिन भी खुद को भुला दिया, सुरक्षा हमारी खातिर, खुद के आराम को ठुकरा दिया, अपराधियों के लिए काल है ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी अभिषेक चौबे , ईमानदारों के हैं रखवाले, पुलिस वाले है तो शांति है देश में, आप हैं तो हम सुरक्षित हैं वाले ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी अभिषेक चौबे का कार्य सराहनीय जिस दिन से ढीमरखेड़ा में रखा कदम अपराधियों में दहशत का माहौल क्षेत्र में हों रही प्रशंसा, आमजन में विश्वास

कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा – शीर्षक पढ़कर दंग मत होना यह कहानी हैं ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी अभिषेक चौबे की, कहा जाता है कि पुलिस प्रशासन किसी भी क्षेत्र का आईना होता है। यदि वहां के लोग सुरक्षित, निडर और संतुलित जीवन जी रहे हैं तो इसका सीधा अर्थ है कि पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाया है। कटनी जिले के ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी अभिषेक चौबे ने इस कहावत को सच साबित करते हुए क्षेत्र में वह वातावरण बनाया है, जिसकी आज हर नागरिक सराहना कर रहा है।

*पदभार ग्रहण करते ही अपराधियों में खौफ*

जब से अभिषेक चौबे ने ढीमरखेड़ा थाने का प्रभार संभाला है, तभी से अपराधियों में खौफ का माहौल देखने को मिल रहा है। कई बार यह देखा गया था कि छोटे-छोटे अपराधी गैंग सक्रिय होकर लोगों को परेशान करते थे, लेकिन वर्तमान में उनकी गतिविधियाँ लगभग थम गई हैं। इसका कारण है अपराधियों पर सख्त कार्रवाई और कानून का कड़ाई से पालन। चौबे जी ने यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि क्षेत्र में अपराध करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। चाहे वह अवैध शराब का धंधा हो, जुआ-सट्टा हो या फिर चोरी-लूट की घटनाएँ हर क्षेत्र में उन्होंने कठोर कदम उठाए हैं।

*जनता से जुड़ाव और विश्वास की स्थापना*

सिर्फ अपराधियों पर कार्रवाई ही नहीं, बल्कि आम जनता से जुड़ाव भी अभिषेक चौबे की खास पहचान है। अक्सर देखा जाता है कि पुलिस और जनता के बीच एक दूरी बनी रहती है। लेकिन चौबे जी ने इस दूरी को खत्म करने का प्रयास किया है। वे लोगों से सीधे संवाद करते हैं, उनकी समस्याएँ सुनते हैं और तुरंत समाधान के लिए पहल करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों से बातचीत करना, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और हर वर्ग को यह भरोसा दिलाना कि पुलिस उनकी मित्र है यही उनका मुख्य दृष्टिकोण है। इस कारण ढीमरखेड़ा के लोग अपने थाना प्रभारी को एक सख्त अधिकारी के साथ-साथ एक मित्रवत इंसान के रूप में भी देखते हैं।

*क्षेत्र की जनता में खुशी और संतोष*

अभिषेक चौबे के कार्यकाल का सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि आम जनता अब राहत महसूस कर रही है। लोग निडर होकर रात में भी अपने कामों के लिए निकल सकते हैं। पहले की तुलना में शिकायतों की संख्या घटी है और लोग अब पुलिस पर भरोसा करने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि “जिस दिन से चौबे जी ने पदभार संभाला है, उसी दिन से अपराधियों का सफाया होना शुरू हो गया।” बाजारों, हाट-बाज़ारों और सार्वजनिक स्थलों पर शांति और अनुशासन देखने को मिलता है।

*प्रशासनिक दक्षता और नेतृत्व क्षमता*

थाना प्रभारी अभिषेक चौबे न केवल सख्त प्रशासनिक अधिकारी हैं, बल्कि एक कुशल नेतृत्वकर्ता भी हैं। उन्होंने अपनी टीम को हमेशा प्रोत्साहित किया है कि वे निष्पक्ष होकर जनता की सेवा करें। समय पर गश्त, आपसी तालमेल और अनुशासन का पालन – यह सब उनकी कार्यशैली का हिस्सा है। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे खुद हर कार्रवाई में आगे रहते हैं। कई बार रात में अचानक निरीक्षण करना, चौकियों का दौरा करना और जनता से सीधे संवाद करना उनकी कार्यप्रणाली का हिस्सा है। इससे उनकी टीम में भी जिम्मेदारी का भाव बढ़ा है।

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