उचित मूल्य दुकान बांध में राशन वितरण में घोर लापरवाही ग्राम वासियों ने अधिकारियों से की जांच की मांग अगस्त माह में अनेकों हितग्राहियों को नहीं मिला राशन बांध में समूह द्वारा किया जाता है राशन वितरण ग्रामीणों ने लगाया भ्रष्टाचार के आरोप जिम्मेदार मौन
कलयुग की कलम से राकेश यादव
उचित मूल्य दुकान बांध में राशन वितरण में घोर लापरवाही ग्राम वासियों ने अधिकारियों से की जांच की मांग अगस्त माह में अनेकों हितग्राहियों को नहीं मिला राशन बांध में समूह द्वारा किया जाता है राशन वितरण ग्रामीणों ने लगाया भ्रष्टाचार के आरोप जिम्मेदार मौन
कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा-उचित मूल्य दुकानों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को उचित दर पर खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा सकें। यह प्रणाली, जो भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जाती है, खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन दुर्भाग्यवश, अक्सर इस प्रणाली में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं, जिससे वास्तव में जरूरतमंद लोग अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। ऐसा ही एक मामला बांध की उचित मूल्य दुकान से संबंधित है, जहां अगस्त माह में अनेकों हितग्राहियों को उनका निर्धारित राशन नहीं मिला।
बांध उचित मूल्य दुकान में अनियमितता और लापरवाही


बांध में स्थित उचित मूल्य दुकान के जिम्मेदार समूह द्वारा अगस्त माह का राशन वितरण सही तरीके से नहीं किया गया। कई हितग्राही हरिओम पटैल, ब्रजकिशोर, शिवम पटैल, राजेश पाल, भूरा सिंह, सुंदर लाल पटैल, ज्ञान राम पटैल, और गणेश प्रसाद त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि राशन वितरण में घोर लापरवाही बरती जा रही है। हितग्राहियों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने समूह के जिम्मेदारों से पूछा कि किस माह का राशन उपलब्ध है, तो उन्हें सही जानकारी देने से मना कर दिया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि समूह के अंदर कुछ न कुछ अनियमितता चल रही है। हितग्राहियों के अनुसार, समूह के द्वारा वितरण में पारदर्शिता की कमी है और राशन वितरण में अनुचित व्यवहार हो रहा है।
हितग्राहियों की शिकायत और उनकी मुहिम
हितग्राही हरिओम पटैल, ब्रजकिशोर, शिवम पटैल, राजेश पाल, भूरा सिंह, सुंदर लाल पटैल, ज्ञान राम पटैल, और गणेश प्रसाद त्रिपाठी ने इस अन्याय के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। उनका कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए और इस मामले की जांच निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जानी चाहिए। वे यह भी मांग कर रहे हैं कि जांच किसी भी प्रकार के कमीशन या लेन-देन के आधार पर निपटाने के बजाय निष्पक्ष तरीके से की जाए।
लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप
हितग्राहियों का कहना है कि यह मामला केवल लापरवाही का नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का भी है। वे आरोप लगाते हैं कि राशन वितरण प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की जा रही है और संभवतः राशन का गबन किया जा रहा है। ऐसी स्थितियों में, गरीबों के हक का राशन कुछ प्रभावशाली लोगों के हाथों में चला जाता है, जबकि जरूरतमंद लोग अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। हितग्राही हरिओम पटैल और अन्य ने इस बात पर जोर दिया है कि उन्हें न्याय चाहिए। उनका कहना है कि जो राशन सरकार गरीबों के लिए देती है, उसका गबन करना किसी भी दृष्टिकोण से न्यायसंगत नहीं है। इन हितग्राहियों ने यह भी कहा है कि अगर निष्पक्ष जांच की जाती है, तो इस भ्रष्टाचार का खुलासा होगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आवश्यक कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग
हितग्राहियों का कहना है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। वे मांग कर रहे हैं कि जांच पूरी तरह से पारदर्शी हो और इसमें किसी भी प्रकार की राजनीतिक या आर्थिक हस्तक्षेप न हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी तथ्यों की जांच की जाए और दोषियों को उचित सजा मिले। हितग्राहियों का आरोप है कि सरकारी राशन का वितरण न केवल सही समय पर होना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी गरीब व्यक्ति राशन से वंचित न रहे। यदि समूह द्वारा कोई लापरवाही या गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
राशन वितरण में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता
राशन वितरण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। हितग्राही समूह के कार्यों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए, ताकि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो सके। इसके अतिरिक्त, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राशन वितरण के संबंध में सभी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हो और हितग्राहियों को समय-समय पर सूचित किया जाए कि उनका राशन कब और कैसे वितरित होगा। इसके लिए, उचित मूल्य दुकानों पर सूचना बोर्ड लगाने और स्थानीय अखबारों में विज्ञापन देने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। उचित मूल्य दुकान बांध में किस प्रकार से राशन वितरण में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार होते हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोग अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। हितग्राही समूह की मांग है कि जांच निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जाए, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में किसी भी गरीब व्यक्ति को उसके हक से वंचित न किया जाए। यह भी आवश्यक है कि राशन वितरण प्रणाली में सुधार किए जाएं और इसकी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाए, ताकि वास्तव में जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके।




