प्रशासनमध्यप्रदेश

जिले में सिपरी साफ्टवेयर की मदद से किया गया है खेत तालाब और अमृत सरोवर का स्थल चयन मध्यप्रदेश इस तरह का नवाचार करने वाला देश का पहला राज्य है।

कलयुग की कलम से राकेश यादव

जिले में सिपरी साफ्टवेयर की मदद से किया गया है खेत तालाब और अमृत सरोवर का स्थल चयन मध्यप्रदेश इस तरह का नवाचार करने वाला देश का पहला राज्य है।

कलयुग की कलम कटनी – कटनी जिले में पहली बार खेत तालाब और अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए स्‍थल का चयन वैज्ञानिक पद्धति से किया गया है। इसके लिए नवाचार करते हुए मनरेगा परिषद द्वारा सिपरी सॉफ्टवेयर की मदद ली गई है।

जिले में कलेक्‍टर श्री दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर संचालित जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत कटनी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 2021 खेत तालाब, 1808 कपिलधारा कूप रिचार्ज पिट और 18 अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा माय भारत पोर्टल पर 3094 जलदूतों ने पंजीयन भी कराया है। ग्रामीण अंचलों में संचालित जल गंगा संवर्धन अभियान के अब तक 196 निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है। जबकि 740 कार्य प्रगतिरत हैं।

*क्या है सिपरी सॉफ्टवेयर एवं प्लानर ऐप*

जिला पंचायत के सीईओ श्री शिशिर गेमावत ने बताया कि सिपरी (सॉफ्टवेयर फॉर आइडेंटीफिकेशन एंड प्लानिंग ऑफ रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर) सॉफ्टवेयर एक उन्न्त तकनीक का सॉफ्टवेयर है, जिसे महात्मा गांधी नरेगा, मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद, भोपाल द्वारा एमपीएसईडीसी और इसरो के सहयोग से तैयार कराया गया है। इस साफ्टवेयर का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के लिए उपयुक्त स्थलों की सटीक पहचान कर गुणवत्तापूर्ण संरचनाओं का निर्माण सुनिश्चित करना है। साथ ही यह भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित वैज्ञानिक पद्धतियों से जल सरंचना स्थलों के चयन को अधिक सटीक बनाता है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मनरेगा परिषद द्वारा एक प्लानर ऐप बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य है मनरेगा के उद्देश्यों एवं प्रावधानों का पालन कराते हुए कार्ययोजना को आसान तरीके से बनाया जाना। ऐप के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर लिए जाने वाले कार्यों की वार्षिक कार्ययोजना तैयार की जाती है। मध्यप्रदेश इस तरह का नवाचार करने वाला देश का पहला राज्य है।

*30 जून तक चलेगा जल गंगा संवर्धन अभियान*

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में बारिश के पानी की प्रत्येक बूंद का संचयन व पुराने जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार करने के लिए कटनी जिले में तीन माह तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। 30 जून तक वाले इस अभियान की शुरुआत 30 मार्च को हुई थी। 

Related Articles

Back to top button