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KKK NEWS कटनी जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों ने धान की बंपर खरीदी जारी है, लेकिन उपज को सुरक्षित कराने वाली पहल का काम जिले में एकदम धीमा

कलयुग की कलम से राकेश यादव

 

कटनी. जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों ने धान की बंपर खरीदी जारी है, लेकिन उपज को सुरक्षित कराने वाली पहल का काम जिले में एकदम धीमा है,

इसकी मुख्य वजह समय पर परिवहन के लिए ट्रांसपोर्टरों से अनुबंध ना करना था। एक दिन पहले ही अनुबंध हुआ है, जिसके बाद परिवहन का क्रम शुरू हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर मिलर्स की मांग पर कोई विचार न हो पाने के कारण अबतक मिलर्स ने भी समितियों से धान उठाव का काम नहीं शुरू किया है। सिर्फ अधिकारियों को ज्ञापन, बैठक व चर्चा का ही दौर चल रहा है, ऐसे में करोड़ों रुपए की उपज खुले में पड़ी है।

रविवार को फिर मिलर्स कलेक्टर अवि प्रसाद के पास पहुंचे और अपनी बात रखी। राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक आसरानी ने बताया कि कटनी के मिलर्स शासन की खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग करना चाहते हैं, जिसके लिए शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग नीति जारी की गई है। जारी नीति में अनेक विसंगतियां हैं, जिनका निराकरण किया जाना अति आवश्यक है।

मिलर्स की यह मांग आ रही आड़े

मिलर्स का कहना है कि प्रदेश में अच्छी गुणवत्ता का चावल शासकीय वितरण प्रणाली एवं कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से वितरित हो, इसके लिए शासन ने पिछले वर्ष ही सार्टेक्स मशीन को लगाना अनिवार्य किया, जिसमें कस्टम चावल को क्लीन करने में निर्धारित मापदंड के अतिरिक्त (3 से 4 प्रतिशत) डैमेज, डिसकलर व चाकी दानों को अलग करना पड़ता है। मिलिंग करने में खंडा (टूटन) अधिक होने से टूटन प्रतिशत को भी अलग करना पड़ता है, जिसकी प्रतिपूर्ति मिलर्स द्वारा बाजार से क्रय कर की जाती है। ऐसे में नीति के बिंदु क्रमांक 13.13 अनुसार प्रतिमाह मिलों का भौतिक सत्यापन करवाए जाने पर धान, चावल के स्टाक का मिलान संभव ही नहीं है।

कंडिका हो समाप्त

इसके लिए पूर्व में भी तत्कालीन प्रमुख सचिव से जारी पत्र में भारत सरकार को टेस्ट मिलिंग कराने के संबंध में पत्र लिखा था, जिसमें चावल एवं टूटन चावल (खंडा) की प्रतिशत का पता लगाया जा सके, लेकिप टेस्ट मिलिंग नहीं होने से चावल/खंडा (टूटन) की सही मात्रा का पता नहीं चल पा रहा। ऐसे में भौतिक सत्यापन पर मिल में स्टाक कम मिलने पर पांच गुना पैनालटी (लगभग 60 लॉख प्रति लॉट) वसूल किए जाने निर्देश के साथ अपराधिक प्रकरण भी दर्ज करने के निर्देश हैं, भौतिक सत्यापन चावल/धान के स्टाक के लिये टेस्ट मिलिंग बहुत ही आवश्यक है, जिससे वास्तविक स्थिति टूटन, डैमेज, डिसकलर व चाकी की मात्रा का भी सही आंकलन हो सकेगा एवं नीति में जोड़ी पेनाल्टी राशि एवं अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कंडिका 13.3 को समाप्त किया जाए

ये मांगें भी हैं शामिल

जारी की गई नीति के बिंदु 3.1 में नवीनी करण शुल्क पांच हजार रुपए एवं 3.2 में नवीन मिलर्स को पोर्टल पर पंजीयन शुल्क 10 हजार रुपए निर्धारित किया है, जिसे पूर्व वर्ष की भांति ही रखा जाए, कंडिका 14.2 में सीएमआर चावल बीआरएल होने पर राज्य की मिलिंग राशि एवं अपग्रेडेशन राशि की 4 गुना पेनाल्टी मिलर से वसूलने का प्रावधान रखा है को विलोपित किया जाए एवं पूर्व वर्ष की नीति अनुसार ही रखा जाए, जिसमे बीआरएल लाट मिलर्स को अपने खर्चे पर बदलकर निर्धारित गुणवत्ता का चावल गोदाम में जमा कराना होता था। मिलिंग की विकल्पवार दरें जारी की जावें, कस्टम मिलिंग को गति देने के लिए धान डिलीवरी आर्डर एवं चावल जमा का स्वीकृति पत्रक राईस मिलरों के लॉगिन से भी प्राप्त हो ऐसी व्यवस्था की जाए।

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