उपार्जन सीज़न में सख़्त हुआ प्रशासन: धान के अवैध भंडारण-परिवहन पर रोक, 1 दिसंबर से 20 जनवरी तक व्यापारियों की धान निकासी बंद
कलयुग की कलम से राकेश यादव

उपार्जन सीज़न में सख़्त हुआ प्रशासन: धान के अवैध भंडारण-परिवहन पर रोक, 1 दिसंबर से 20 जनवरी तक व्यापारियों की धान निकासी बंद
कलयुग की कलम कटनी – समर्थन मूल्य पर 1 दिसंबर से शुरू होने वाली धान खरीद को पारदर्शी और अवैध गतिविधियों से मुक्त रखने के लिए जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। कलेक्टर आशीष तिवारी ने उपार्जन अवधि के दौरान व्यापारियों द्वारा भंडारित धान की निकासी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। यह आदेश 1 दिसंबर 2024 से 20 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा।
कलेक्टर तिवारी ने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध अवधि में किसी भी व्यापारी या फर्म द्वारा भंडारित धान की निकासी केवल अनुविभागीय राजस्व अधिकारी (SDM) की लिखित अनुमति के बाद ही की जा सकेगी। निकासी के दौरान अधिकृत व्यक्ति की उपस्थिति अनिवार्य होगी। SDM अनुमति देने से पूर्व यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित धान को किसी भी परिस्थिति में उपार्जन केंद्र पर विक्रय के लिए प्रस्तुत नहीं किया जाए, ताकि सरकारी खरीदी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली की गुंजाइश न रहे।
आदेश में यह भी उल्लेख है कि उपार्जित जिन्स की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु आवश्यक कीटोपचार (फ्यूमिगेशन) कार्य की अनुमति संबंधित SDM द्वारा दी जा सकती है। इस दौरान गोदाम या वेयरहाउस में भंडारित कृषि उपज की सुरक्षा एवं गुणवत्ता की पूर्ण जिम्मेदारी गोदाम संचालक/वेयरहाउस मालिक की होगी।
कलेक्टर तिवारी ने जिले के सभी गोदाम एवं वेयरहाउस संचालकों को निर्देशित किया है कि वे अपने परिसर में भंडारित अधिसूचित कृषि उपज की संपूर्ण जानकारी तत्काल संबंधित कृषि उपज मंडी समिति में निर्धारित प्रारूप के अनुसार प्रस्तुत करें। इस प्रारूप में—
गोदाम/वेयरहाउस का नाम संचालक का नाम स्थान एवं मोबाइल नंबर उपज का नाम व्यापारी/फर्म का नाम भंडारित मात्रा भंडारण अवधि किसान का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर जैसी सभी सूचनाएँ दर्ज करना अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही कलेक्टर ने कृषि उपज मंडी समिति के सचिव को निर्देश दिए हैं कि नियमों के विरुद्ध संचालन करने वाले या जानकारी प्रस्तुत न करने वाले गोदामों को आवश्यकतानुसार बंद करने की कार्रवाई की जाए।
जिले में संचालित उपार्जन केंद्रों पर अवैध बिक्री को रोकने और किसानों को पारदर्शी खरीद व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन की यह पहल महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि सख्ती का उद्देश्य किसानों के हितों की रक्षा करना और समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रक्रिया को सुचारू व सुरक्षित रखना है।




