प्रधानमंत्री की अगुवाई में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सेना के सौर्य पराक्रम के सम्मान में बड़वारा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में निकाली गई विशाल तिरंगा यात्रा रिटायर्ड जवानों सहित जनप्रतिनिधि एवं विशाल जन समुदाय की उपस्थिति रही।
कलयुग की कलम से राकेश यादव

प्रधानमंत्री की अगुवाई में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सेना के सौर्य पराक्रम के सम्मान में बड़वारा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में निकाली गई विशाल तिरंगा यात्रा रिटायर्ड जवानों सहित जनप्रतिनिधि एवं विशाल जन समुदाय की उपस्थिति रही।
कलयुग की कलम उमरिया पान -बड़वारा में आयोजित तिरंगा यात्रा एक ऐतिहासिक और भावनात्मक अवसर था, जिसमें स्थानीय समुदाय सहित पूरे विधानसभा से आए हुए लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस यात्रा का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सेना के अदम्य साहस और पराक्रम का सम्मान करना था।


ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
आपको मालूम हो कि कुछ दिन पूर्व जम्मू कश्मीर के पहलगाम मैं हुए आतंकी हमले में सैलानियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया था, जो एक बड़ी सैन्य उपलब्धि थी। इस ऑपरेशन ने न केवल पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।बड़वारा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह की अगवाई में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं रिटायर्ड फौजी भाइयों भी विशाल तिरंगा यात्रा में शामिल हुए।



तिरंगा यात्रा ने न केवल सेना के प्रति सम्मान प्रकट किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि समुदाय एकजुट होकर अपने सैनिकों का समर्थन करता है। यह यात्रा राष्ट्रीय एकता और अखंडता का प्रतीक भी थी, जिसमें लोगों ने अपने राष्ट्रीय ध्वज के साथ एकता का प्रदर्शन किया।

स्थानीय समुदाय की भागीदारी
स्थानीय समुदाय सहित बड़वारा विधानसभा के अलग-अलग नगरों से पहुंचे हुए जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों ने बड़े उत्साह के साथ इस यात्रा में भाग लिया,
पूर्व रिटायर्ड आर्मी जवानों की उपस्थिति
पूर्व रिटायर्ड आर्मी जवान भी इस यात्रा में शामिल हुए, जिन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया।
सामाजिक प्रभाव
इस तिरंगा यात्रा ने न केवल सेना के प्रति सम्मान बढ़ाया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे समुदाय और सेना के बीच एक मजबूत बंधन हो सकता है। यह यात्रा युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी, जिन्होंने सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का संकल्प लिया।




