एमपी में लाड़ली बहना योजना चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत राज्य सरकार हर महीने पात्र महिलाओं को 1250 रुपए देती है। यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में डाली जाती है। लाड़ली बहना योजना में अभी प्रदेश की 1.27 करोड़ महिलाओं को लाभ मिल रहा है। अभी तक राज्य सरकार द्वारा महीने की 10 तारीख और विशेष अवसरों पर इससे पहले ही योजना की राशि महिलाओं के खातों में अंतरित कर दी जाती थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने 16 अप्रेल को लाड़ली बहना योजना की राशि खातों में ट्रांसफर करने की बात कही है। खास बात यह है कि अब हर माह ही ऐसा होगा यानि 10 तारीख को खातों में पैसे नहीं डाले जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार सरकार ने योजना की राशि डालने की तिथि कुछ आगे खिसका दी है।
एमपी में लाड़ली बहना योजना की 23वीं किस्त 16 तारीख को मिलेगी। ऐसा पहली बार होगा जब 10 तारीख के बाद लाड़ली बहना योजना की राशि दी जाएगी। अधिकारियों की मानें तो अब लाड़ली बहना योजना में हर महीने की 10 तारीख को 1250 रुपए नहीं मिलेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए नई तिथि तय करने का विचार किया है।
प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया के मुताबिक लाड़ली बहना योजना की राशि महिलाओं के खातों में हस्तांतरित करने के लिए कोई विशेष तिथि निर्धारित नहीं की गई है। सीएम डॉ. मोहन यादव स्वविवेक से राशि अंतरित करने की तिथि निर्धारित करते हैं।
अधिकारियों के अनुसार योजना की 23वीं किस्त सीएम डॉ. मोहन यादव 16 अप्रैल को मंडला में महिलाओं के खातों में ट्रांसफर करेंगे। इस दिन वे टिकरवारा गांव में सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल होंगे।
10 तारीख की बजाए इसके 2 या 3 दिन बाद ही राशि हस्तांतरित की जाएगी
एमपी के वित्त विभाग के संबंधित अधिकारियों के अनुसार लाडली बहना योजना में अब हर महीने की 10 तारीख की बजाए इसके 2 या 3 दिन बाद ही राशि हस्तांतरित की जाएगी। इस बात पर सहमति बन चुकी है हालांकि अभी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
सचिवालय के अधिकारी भी इससे सहमत
अधिकारियों के अनुसार दरअसल प्रदेश के केंद्रीय करों की करीब 7 हजार करोड़ की राशि हर महीने की 10 तारीख को मिलती है। उसी दिन लाडली बहना योजना की राशि भी हस्तांतरित करने से एक दिक्कत आ रही थी। वित्त विभाग ने कैश लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए 10 तारीख की बजाए अन्य किसी तारीख के लिए अनुरोध किया। बताया जा रहा है कि सीएम के सचिवालय के अधिकारी भी इससे सहमत हो गए हैं।