प्रशासनमध्यप्रदेश

किसानो की प्रशासनस से गुहार समय पर धान उपार्जन की तुलाई ना होने के कारण मजबूरी में खरीदी केंद्र के बाहर बेच रहे अपनी उपज ढीमरखेड़ाके 15 खरीदी केंद्रों में धान उपार्जन का उठाव ना होने के कारण अपनी उपज को बिचौलियों को बेचने मजबूर हैं किसान खाद बीज गेहूं की बुवाई का इंतजाम तो करना है मडेरा,खाम्हा,टोला ,देवरी मंगेला और खमतरा खरीदी केंद्र में नहीं हुआ परिवहन 

कलयुग की कलम से राकेश यादव

किसानो की प्रशासनस से गुहार समय पर धान उपार्जन की तुलाई ना होने के कारण मजबूरी में खरीदी केंद्र के बाहर बेच रहे अपनी उपज ढीमरखेड़ाके 15 खरीदी केंद्रों में धान उपार्जन का उठाव ना होने के कारण अपनी उपज को बिचौलियों को बेचने मजबूर हैं किसान खाद बीज गेहूं की बुवाई का इंतजाम तो करना है मडेरा,खाम्हा,टोला ,देवरी मंगेला और खमतरा खरीदी केंद्र में नहीं हुआ परिवहन 

कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा-ढीमरखेड़ा ब्लॉक के सभी 15 खरीदी केंद्रों में धान उपार्जन का उठाव (परिवहन) न होने के कारण केंद्र प्रभारी सहित क्षेत्र के किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है केंद्रो के अंदर धान का अंबार लगा हुआ है किसानों को अपनी उपज रखने के लिए केंद्र के अंदर जगह तलाशनी पड़ रही है की अपनी उपज कहां पर रखें परिस्थितियां यह है कि शासन के ढुलमुल रवैया के कारण किसानों को मजबूरी में अपनी उपज बिचौलियों को बेचना पड़ रहा है

किसान की मजबूरी यह है कि वह अपनी गेहूं की बुवाई एवं खाद बीज का इंतजाम कहां से करें इसलिए मजबूरी में किसानों को ओने-पौने दामों पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है 6 दिनों से खरीदी बंद की कगार पर 11 खरीदी केन्द्रों में तो बिल्कुल भी नहीं हो सका परिवहन खरीदी केन्द्रों में धान की उपज के लगे ढ़ेर, उठाव न होने से किसान नहीं बेच पा रहे अपनी फसल,जिम्मेदार अब भी बने हैं अनजान ढीमरखेड़ा में 15 केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। खरीदी केन्द्रों में धान की बम्फर आवक बनी है,लेकिन धान के परिवहन की स्थिति सुस्त है।सिलौंडी खरीदी केंद्र में परिवहन न होने पर 6 दिनों से खरीदी बन्द पड़ी है। ढीमरखेड़ा में 15 खरीदी केंद्रों में से 11खरीदी केन्द्रों में तो बिल्कुल भी परिवहन नहीं हो सका। जबकि कचनारी, झिंना पिपरिया, ढीमरखेड़ा और पोंडी कला बी इन चार केन्द्रों से अब तक करीब 10 हजार क्विंटल का परिवहन किया गया हैं।केंद्र प्रभारियों का कहना है कि केंद्रों में धान की आवक हो रही है,परिवहन नहीं हो रहा है।अब किसानों को धान रखने तक की जगह केंद्रों में नहीं बची है। धान का उठाव नहीं होने से किसानों को धान बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।कई किसान ऐसे है जिनकी उपज केन्द्रों में रखी है, लेकिन जगह के अभाव के चलते धान की तौलाई नहीं हो पा रही है।कई केंद्र ऐसे है जहाँ एक-दो दिन में परिवहन नहीं हुआ तो धान खरीदी बंद भी हो सकती है।हालांकि परिवहन तेजी से हो इस पर संबंधित विभाग भी कुछ नहीं कह पा रहे है। जब तक मिलर्स धान नहीं उठाएंगे तब तक केंद्रों में स्थिति इसी तरह की रहेगी।किसानों ने कलेक्टर से धान में परिवहन की गति बढ़ाने की मांग की है, ताकि किसानों की फसल की तौलाई समय पर हो सके और किसानों को नुकसान न हो।

यह है परिवहन की स्थिति

ढीमरखेड़ा तहसील के सिलौंडी केंद्र की बात करें तो यहाँ 10 हजार क्विंटल धान की उपज खरीदी जा चुकी है। परिवहन बिल्कुल भी नहीं हुआ है। केंद्र में जगह न होने से यहाँ 6 दिनों से खरीदी बंद पड़ी है। किसानों को अपनी उपज बेचने परेशान होना पड़ता है। यही स्थिति मडेरा,खाम्हा,टोला ,देवरी मंगेला और खमतरा खरीदी केंद्र की हैं। इन पांचों केन्द्रों में भी 10-10 हजार क्विंटल से अधिक की उपज की तौलाई हो चुकी है। अब तक परिवहन के लिए एक भी वाहन नहीं पहुँचा।जिससे कि केंद्रों में उपज का अंबार लगा है। उमरियापान और मुरवारी कि बात करें तो दोनों केंद्रों में 15 हजार क्विंटल से ज्यादा की उपज खरीदी गई, लेकिन परिवहन एक भी नहीं हो सका। कटरिया केंद्र में 5 हजार क्विंटल की खरीदी में बिल्कुल भी परिवहन नहीं हुआ है। वहीं ढीमरखेड़ा खरीदी केंद्र में 20 हजार क्विंटल उपज की खरीदी में ढाई हजार क्विंटल का परिवहन हुआ। पोंड़ी कला बी केंद्र में 16 हजार क्विंटल में 18सौ क्विंटल का परिवहन हुआ है।जबकि झिंना पिपरिया केंद्र में भी 15 हजार की खरीदी में 2 हजार क्विंटल का परिवहन हो पाया है। कचनारी केंद्र में करीब 13 हजार की तौलाई के बाद 4 हजार क्विंटल का परिवहन हुआ।अब भी इन केंद्रों पर उपज के ढ़ेर लगे है।ऐसी ही स्थिति कछारगांव बड़ा और दशरमन खरीदी केन्द्रों में है।जहाँ पर परिवहन नहीं होने से किसान हताश निराश परेशान है।

इनका कहना है

धान खरीदी केंद्रों से एक- दो दिन में परिवहन शुरू हो जाएगा।उपज परिवहन के कार्य में प्रगति भी दिखेंगी। 10 हजार मीट्रिक टन के डीओ जारी है। डीओ आ रहे है,उनका अनुबंध भी हो रहा है। केन्द्रों में जितनी उपज दिख रही है, उनकी तौलाई नहीं हुई है। जिले भर की बात करे तो गोदामों में 36 हजार मीट्रिक टन का उठाव हो गया है। परिवहन निरंतर होगा।

  देवेंद्र तिवारी,डीएम नॉन

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