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सचिव संदीप अग्रहरी के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, जनपद सीईओ से शिकायत होने के बाद भी जांच पड़ी ठंडे बस्ते में, जनपद के नेता का रखा हाथ भ्रष्टाचारी सचिव पर बरस रही हैं कृपा

कलयुग की कलम से सोनू त्रिपाठी की रिपोर्ट

उमरियापान- स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्यों का आयोजन किया जाता है। लेकिन कई बार इन योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की घटनाएं सामने आती हैं। ऐसी ही एक घटना ग्राम पंचायत बरौदा में देखने को मिली है, जहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाली नालियों के निर्माण में गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के केंद्र में ग्राम पंचायत बरौदा के सचिव संदीप अग्रहरी और जनपद सीईओ यजुर्वेद कोरी हैं, जिनकी भूमिका संदेह के घेरे में है।ग्राम पंचायत बरौदा और ग्राम पंचायत देवरी मंगेला के संयुक्त वित्तीय प्रभार सचिव संदीप अग्रहरी पर आरोप है कि उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाले नाली निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताएं की हैं। यह कार्य गुणवत्ताहीन बताया जा रहा है, जिससे न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है, बल्कि ग्रामीणों की समस्याएं भी बढ़ी हैं। ग्राम पंचायत बरौदा के उपसरपंच कुलदीप तिवारी ने इस मामले में उच्च अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने संबंधित निर्माण कार्य से जुड़े संपूर्ण दस्तावेज और स्टीमेट की मांग की थी ताकि निर्माण में हो रही गड़बड़ियों की पुष्टि की जा सके। हालांकि, सचिव ने गोपनीयता का हवाला देते हुए दस्तावेज उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया। यह सचिव की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

गुणवत्ता की कमी और तकनीकी त्रुटियां

ग्रामीणों के अनुसार, नाली निर्माण में गुणवत्ता की घोर अनदेखी की गई है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि नालियों के निर्माण में सतह पर कांकीडीकरण (कॉन्क्रीट का ठोस आधार) नहीं किया गया। खुदाई के बाद, बिना किसी उचित आधार तैयार किए, पाइप डाल दिए गए और ऊपर से केवल 2 इंच का कांकीडीकरण कर दिया गया। ग्राम पंचायत बरौदा एक ऊंचाई पर स्थित क्षेत्र है, जहां की सड़कों पर ढलान होने के कारण पानी का बहाव तेज रहता है। सतह पर कांकीडीकरण न होने से नालियों के जल्द क्षतिग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, अभियंता को दिखाए बिना और उसकी स्वीकृति लिए बिना निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया गया। यह तकनीकी मानकों की घोर अनदेखी है।

कार्यवाही नहीं होगी तो होगा उग्र – प्रदर्शन

ग्राम पंचायत के ग्रामीणों में इस मामले को लेकर गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव ने सरकारी योजनाओं के तहत मिले धन का दुरुपयोग किया है। उन्होंने निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता की अनदेखी की और इसके परिणामस्वरूप नालियां भविष्य में उपयोग के लायक नहीं रह जाएंगी। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सचिव द्वारा सभी प्रक्रियाओं को छुपाने की कोशिश की जा रही है। निर्माण कार्य में हुई त्रुटियों को छुपाने के लिए तत्काल पाइप डालकर सतह पर कमजोर कॉन्क्रीट का इस्तेमाल किया गया। यह कार्य न केवल ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फेरता है, बल्कि सरकारी धन के दुरुपयोग का भी बड़ा उदाहरण है।

जनपद सीईओ यजुर्वेद कोरी की कृपा बरस रही हैं सचिव संदीप अग्रहरि के ऊपर

उपसरपंच कुलदीप तिवारी द्वारा उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद, जांच को सस्ते बस्ते में डाल दिया गया है। इस देरी से संदेह की स्थिति उत्पन्न हो रही है। जनपद सीईओ यजुर्वेद कोरी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, क्योंकि उनकी देखरेख में इस मामले को नजरअंदाज किया गया। यह देरी न केवल न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि कहीं न कहीं बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। यदि समय पर जांच होती, तो दोषियों को तुरंत दंडित किया जा सकता था। गुणवत्ताहीन नाली निर्माण का सीधा असर ग्राम पंचायत बरौदा के निवासियों पर पड़ेगा। पानी की तेज बहाव और कमजोर नालियों के कारण भविष्य में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे न केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ेंगी, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ग्राम पंचायत बरौदा में नाली निर्माण में हुई अनियमितताएं स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों के साथ एक बड़ा मजाक हैं। यह घटना सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही का एक उदाहरण है। इस मामले की समय पर जांच और दोषियों पर कार्रवाई न केवल न्याय की स्थापना करेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को एकजुट होकर इस मामले को उच्च अधिकारियों के समक्ष मजबूती से उठाना चाहिए ताकि सरकार इस ओर ध्यान दे और आवश्यक कदम उठाए। यह स्वच्छ भारत मिशन को सही दिशा में ले जाने और ग्रामीणों का विश्वास बहाल करने के लिए आवश्यक है।

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