मध्य प्रदेश के कटनी जिले में खनिज के अवैध परिवहन पर निगरानी के लिए अब अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। इसके तहत कटनी से बड़वारा के बीच हाइवे पर मझगवां में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित मानव रहित चेक पोस्ट स्थापित किया जाएगा। इस चेक पोस्ट को टोल गेट के समीप स्थापित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी द्वारा भी खनिज विभाग को इसकी अनुमति दे दी गई है। इसके लिए खनिज कार्यालय में विशेष सेटअप तैयार किया जा रहा है। जिला कमांड सेंटर से इस चेक पोस्ट को मॉनिटर किया जाएगा, जिससे अवैध परिवहन करने वाले वाहनों की निगरानी की जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि अप्रैल माह से इस चेक पोस्ट का संचालन शुरू हो जाएगा।
हर साल सैकड़ों अवैध परिवहन के मामले
जिले में खनिज के अवैध परिवहन के सैकड़ों मामले प्रतिवर्ष सामने आते हैं। हाइवे पर दौड़ रहे ऐसे वाहनों की जांच कर पाना खनिज विभाग के लिए कठिन होता है। संसाधनों की कमी के चलते कई बार इन वाहनों पर कार्रवाई कर पाना संभव नहीं हो पाता, लेकिन अब कटनी-शहडोल मार्ग पर मझगवां के पास इस चेक पोस्ट के जरिए अवैध खनिज परिवहन की जांच आसान होगी।
चेक पोस्ट के सॉफ़्टवेयर को ईटीपी जारी करने वाले पोर्टल के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा, जिससे बिना रॉयल्टी भुगतान किए परिवहन करने वाले वाहनों की पहचान हो सकेगी। ऐसे वाहनों के मालिकों के खिलाफ अवैध परिवहन का मामला दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा, खनिज परिवहन करने वाले वाहनों में आरएफ टैग लगाया जाएगा जिससे वाहन की वैधता की जांच की जा सकेगी।
अब तक 106 मामले दर्ज
खनिज विभाग द्वारा अब तक 106 मामलों में अवैध खनिज परिवहन दर्ज किया गया है। इन मामलों में संबंधित वाहनों से 91.14 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया है। इसके अलावा, अवैध खनन के 12 और अवैध भंडारण के 8 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं।
जिले में इन खनिजों की बहुतायत
कटनी जिले में विभिन्न प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। जिले के इमलिया और सैलारपुर नवलिया क्षेत्र में सोना, जबकि टिकरिया और आसपास के इलाकों में बेशकीमती धातुओं की खोज की जा रही है। इसके अलावा डोलोमाइट, लाइम स्टोन, मार्बल, गिट्टी, लेटराइट और बॉक्साइट भी प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं। ढीमरखेड़ा क्षेत्र में मैंगनीज की खदान भी स्थित है।
इस तरह काम करेगा एआई आधारित चेक पोस्ट
इस अत्याधुनिक चेक पोस्ट में हाई-क्वालिटी कैमरे लगाए जाएंगे, जो वाहनों में लोड खनिज की निगरानी करेंगे और वाहन के नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे। इसके बाद खनिज विभाग के पोर्टल से वाहन को जारी किए गए ईटीपी का मिलान किया जाएगा। यदि वाहन में अवैध खनिज पाया जाता है या उसके पास वैध दस्तावेज नहीं होते, तो उसे तुरंत पकड़ लिया जाएगा।