जबलपुर- मध्य प्रदेश के हरदा जिले में स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण धमाकों के बाद अब पूरे राज्य की पटाखा फैक्ट्रियों से लेकर छोटे दुकानदारों तक के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में सूबे के जबलपुर शहर से खबर सामने आई है कि यहां प्रशासन ने प्रदेशभर की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए पटाखा बाजार की सभी दुकानों को सील कर दिया है। बताया जा रहा है कि सील की गई दुकानों पर भी कुछ न कुछ लापरवाहियां बरती जा रही थीं। हालांकि, शादियों के इस सीजन में जहां एक तरफ दुकान संचालकों की तो मुसीबत बढ़ी ही है, साथ ही दुकानें बंद होने से लोगों में भी चिंता नजर आ रही है।
आपको बता दें कि 6 फरवरी को हरदा में पटाखा फैक्ट्री की घटना से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने उसके अगले दिन यानी बुधवार 7 फरवरी से ही शहरभर में पटाखा बिक्री के हर संसाधन की मॉनिटरिंग करते हुए सख्ती शुरू कर दी है। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने रांझी, कठौंदा और अन्य स्थलों पर पटाखा दुकानों, गोदामों का निरीक्षण किया। इस दौरान कठौंदा के मुख्य पटाखा बाजार की सभी 41 पटाखा दुकानों पर गंभीर लापरवाही सामने आई। यानी ये दुकानदार बीते कई सालों से यहां नियमों को ताक पर रखकर कारोबार कर रहे थे। हैरानी की बात तो ये ह कि इस दौरान किसी भी जिम्मेदार अफसर की नजर दुकानदारों की इस लापरवाही पर नहीं पड़ी।
इस संबंध में कलेक्टर दीपक सक्सेना और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह खुद जिले की सभी पटाखा और विस्फोटक पदार्थों के निर्माण स्थलों, गोदामों, विक्रय केंद्रों की जांच शुरु की है। इस दौरान दोनों अधिकारी कठौंदा स्थित पटाखा बाजार पहुंचे, जहां 41 दुकानों पर पटाखों का विक्रय किया जाता है। जांच के दौरान किसी भी दुकानदार द्वारा लाइसेंस की शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा था। साथ ही व्यवस्थित ढंग से रिकॉर्ड भी मेंटेन नहीं किये जा रहे थे।
‘लाइसेंस की शर्तों का हो पालन’
सुरक्षा के समुचित उपाय न होने, फायर एनओसी और रिकॉर्ड मेंटेनेंस समेत कई कमियां पाए जाने पर कलेक्टर सक्सेना ने संबंधित एसडीएम को इन पटाखा दुकानों को सील करने के निर्देश दिए। देर रात एसडीएम शिवाली सिंह और उनका स्टाफ कार्रवाई में जुटा रहा। जांच के दौरान कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि दुकानदार अगर लाइसेंस की शर्तों का पालन नहीं करते तो उन्हें दुकान संचालन की अनुमति नहीं होगी। जो सही से काम करेगा सिर्फ वहीं दुकान संचालित कर सकेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि शर्तों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित हो, जिससे कोई अवांछित घटना न हो।
 
फुलझड़ी फैक्ट्री में भी गड़बड़ी
कलेक्टर दीपक सक्सेना और एसपी आदित्य प्रताप सिंह इसके बाद मानेगांव स्थित एक फुलझड़ी फैक्ट्री पहुंचे। जहां जांच में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का क्लियरेंस नहीं मिला। उन्होंने संबंधित एसडीएम से कहा कि साढ़े 6 एकड़ में फैली इस फैक्ट्री का मेजरमेंट करके डॉक्यूमेंट्स और लाइसेंस के साथ अप्रूव नक्शा देखें। साथ ही जो भी संदेहास्पद है, जांच करें और रिपोर्ट पेश करें। इस दौरान उनके साथ अपर कलेक्टर मिशा सिंह समेत अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।