मध्यप्रदेश

उमरियापान (कुदवारी) छात्रावास में अनियमित्ता मामले में आज दिनांक तक पूरी नहीं हुई जांच स्थानीय जांच अधिकारी होने से निष्पक्षता पर खड़े हो रहे सवाल जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को बनाया जाये दल प्रभारी 

कलयुग की कलम से राकेश यादव

उमरियापान (कुदवारी) छात्रावास में अनियमित्ता मामले में आज दिनांक तक पूरी नहीं हुई जांच स्थानीय जांच अधिकारी होने से निष्पक्षता पर खड़े हो रहे सवाल जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को बनाया जाये दल प्रभारी 

कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा-उमरियापान के ग्राम बम्हनी (कुदवारी) स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस बालिका छात्रावास में व्यापक पैमाने पर फजीर्वाड़े का खेल लगातार जारी है जिसमें विगत दिवस प्रमुखता के साथ इस मामले को उठाया गया था जिसमें संज्ञान लेते हुये जिला परियोजना समन्वयक के द्वारा जांच दल का गठन किया जाकर तीन दिवस के अंदर जांच रिपोर्ट तलब करने के आदेश जारी किये थे लेकिन आज दिनांक तक जांच दल के द्वारा इस संबंध में जांच रिपोर्ट नहीं दी गई। हालांकि जिस तरह से जांच दल का गठन किया गया था यह सब दिखावा साबित हो रहा है चूंकि सभी स्थानीय अधिकारी है और कहीं न कहीं इनका जुड़ाव है जिस कारण से जांच की निष्पक्षता पर भी सवालियां निशान खड़े हो रहे है। एक सप्ताह के बाद भी जांच रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं सौंपना अपने आप में संदेहास्पद हो जाता है। यहां पर यह भी सनद रहे कि जिस तरह से बालिका छात्रावास उमरियापान में आर्थिक अनियमित्ता बरती जा रही थी जिस मामले में जिले के अधिकारियों का गठन किया जाकर जांच करवाई जानी थी लेकिन दिखावे के लिये स्थानीय जांच अधिकारियों को ही जांच दल में शामिल कर दिया गया। जिस कारण से जांच सही दिशा में होगी इस पर सवालिया निशान है…?  

मीनू अनुसार नहीं मिल रहा भोजन

विश्वनीय सूत्रों ने बताया कि छात्रावास अधीक्षका के द्वारा बालिकाओं की सेहत से भी खिलवाड़ किया जा रहा है और निर्धारित मीनू के अनुसार उन्हें भोजन उपलब्ध नहीं करवाया जाता है। इसके साथ ही घटिया और गुणवत्ताहीन तेल, मसाला आदि का उपयोग कर बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। शासन के द्वारा मापदंड निर्धारित कर प्रत्येक दिन अलग-अलग भोजन की व्यवस्था के हिसाब से राशि छात्रावासों को दी जाती है लेकिन उसका लाभ छात्रावास में रह रही बालिकाओं को नहीं मिलता है। कमीशनखोर अधिकारी बच्चों के हक को छीन रहे है।

औचक निरीक्षण में खुलेगी पोल 

कलेक्टर के द्वारा यदि औचक रूप से जिलों के छात्रावास में निरीक्षण किया जाये तो निश्चित रूप से छात्रावास में चल रही मानमानी की पोल खुल सकती है लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा नियमित रूप से छात्रावासों का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है जिस कारण से छात्रावास में पदस्थ अधिकाकाएं अपने मन मालिक है इसके साथ ही कमीशनखोर अधिकारी भी इस संलिप्त है जिस कारण से छात्रावासों में जमकर आर्थिक अनियमित्ता की जा रही है। पूर्व में इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर अवि प्रसाद के द्वारा कई छात्रावासों में औचक निरीक्षण करते हुये दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की गई थी। कुछ हद तक इसमें सुधार हुआ था लेकिन उनके जाते ही भ्रष्टाचारी अपने काम में लग गए।

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