कटनी- राष्ट्रीय राजमार्ग हाई-वे और मुख्य सड़क मार्गाे में गौवंश के स्वच्छंद विचरण और बरसात के मौसम मे पशुओं के सड़कों में जमावडे़ से होनें वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम कर सुगम यातायात और गौवंश को सुरक्षित करनें के उददेश्य से गुरूवार को जिले भर में पशुओं को गौ- शालाओं और गौ- आश्रय स्थलों में पहुंचानें मुहिम चलाई गई।
कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर हाई- वे और जिले के मुख्य सड़क मार्गाे से लगी ग्राम पंचायतों के सरपंचों, सचिवों, रोजगार सहायकों की बैठकों का आयोजन कर समझाईश देने का काम भी किया गया। साथ ही गांव में मुनादी कराकर पशुपालकों को आवारा नहीं छोड़नें की सलाह भी दी गई।
घुमंतू पशु पहुंचे गौ-शाला
कलेक्टर के निर्देश पर नगर निगम ने 14-14 सदस्यों की दो टीम आवारा मवेशियों के नियंत्रण और उन्हे सुरक्षित पकड़कर गौ- शालाओं में पहुंचाने के लिए गठित की है। गठित टीम पीरबाबा बाईपास से चाका बाईपास और जुहला बाईपास से जगन्नाथ चौक तक घूमने वाले मवेशियों को पकड़कर गौशालाओं मे सुरक्षित पहुचाने दल दिनभर सक्रिय रहा। इस कार्य के लिए स्वास्थ्य अधिकारी संजय सोनी को प्रभारी नियुक्त किया गया है। जिनका मोबाईल नंबर 6261169740 है।
बहोरीबंद एस.डी.एम ने ली बैठक
बहोरीबंद एसडीएम राकेश चौरसिया ने नेशनल हाईवे के तटीय ग्राम पंचायतों लखनवारा, भेड़ा, तेवरी, स्लीमनाबाद, छपरा और सिहुड़ी के सरपंचों, सचिवों, पटवारी, कोटवार और रोजगार सहायक जैसे मैदानी कर्मियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित कर गौवंश के सडकों पर घूमने से होने वाली असुविधाओं की जानकारी दी गई।साथ ही सड़क मे पशुओं के घूमने से दुर्घटना होने और मवेशियों के घायल होने की संभावना से भी अवगत कराया गया। बैठक मे उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक डॉ आर.के. सिंह, तहसीलदार, नायब तहसीलदार व सीईओ जनपद भी मौजूद रहे। यहां गांव मे मुनादी कराकर लोगों से सहयोग की अपेक्षा की गई और नेशनल हाई-वे में विचरण करने वाले मवेशियों को गौ- शालाओं और अस्थाई गौ -आश्रय स्थलों मे पहंुचाया गया।
गौवंशों को पहुंचाया गया गौ-शाला
विकासखंड ढीमरखेड़ा के मुख्य मार्गाे मे विचरण करने वाले गौ-वंशों को खुला नहीं छोड़ने की पशुपालकों को मुनादी कराकर सलाह दी गई और यहां की ग्राम पंचायत पौंडी खुर्द सहित अन्य मार्गाे से पशुओं को गौ-शालाओं और अस्थाई गौ- आश्रय स्थलों मे पहुंचाया गया। इसी प्रकार रीठी मे ग्राम पंचायत निटर्रा और बिरूहली के सड़कों मे पशुओं के जमावडे़ वाले स्थलों से गौ-शालाओं मे पहुंचाया गया।
घायल पशुओं का उपचार
सडकों में दुर्घटनाग्रस्त मवेशियों और घायल पशुओं के उपचार के लिए चलित पशु एंबुलेंस 1962 पर संपर्क कर उपचार कराया जा सकता है। इसके अलावा नजदीकी पशु औषघालयों में भी पशुओं के इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
चारा-पानी की व्यवस्था
शासकीय और निजी तौर पर संचालित गौ- शालाओं में इनके संचालकों और संबंधित संस्थाओं द्वारा चारा -पानी की व्यवस्था की जायेगी। जबकि अस्थाई बनाए गए आश्रय स्थलों के लिए संबंधित ग्राम पंचायतें और नगरीय निकायों द्वारा पशुओं के चारा – पानी का प्रबंध करनें के निर्देश दिए गए है।