कटनी जिले के ढीमरखेड़ा विकासखंड में शिक्षा विभाग का अलग चलता है नियम कानून नियमों को ताक पर रखकर पूर्व पी.एम. श्री स्कूल के प्रभारी प्राचार्य का कर दिया स्थानांतरण स्कूल को तथाकथित नेताओं ने बना दिया राजनीति का अखाड़ा,ढीमरखेड़ा विकासखंड में एक प्रभारी प्राचार्य का तबादला बना चर्चा का विषय
कलयुग की कलम से राकेश यादव

कटनी जिले के ढीमरखेड़ा विकासखंड में शिक्षा विभाग का अलग चलता है नियम कानून नियमों को ताक पर रखकर पूर्व पी.एम. श्री स्कूल के प्रभारी प्राचार्य का कर दिया स्थानांतरण स्कूल को तथाकथित नेताओं ने बना दिया राजनीति का अखाड़ा,ढीमरखेड़ा विकासखंड में एक प्रभारी प्राचार्य का तबादला बना चर्चा का विषय
कलयुग की कलम उमरिया पान – ढीमरखेड़ा विकासखंड अंतर्गत आनेे वाले पी.एम. श्री स्कूल गोपालपुर में प्रभारी पद पर पदस्थ रहे शिक्षक गणेश यादव का स्थानांतरण राजनीतिक द्वेषवश कटनी जिले से जबलपुर जिले कर दिया गया है। यह स्थानांतरण नियम के विरूद्ध है।क्योंकि संबंधित शिक्षक के विरूद्ध जांच प्रचलनशील है और मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। शासन के नियमों के मुताबिक ऐसी परिस्थतियों में संबंधित शिक्षक का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है, बावजूद नियमों को धत्ता बताते हुये शिक्षक का स्थानांतरण जबलपुर जिले के कटंगी किया गया है।क्षेत्र में चर्चा का विषय है कि क्षेत्र के एक राजनैतिक व्यक्ति के इशारे में किया गया है, जो स्वयं ही कई विधि विरूद्ध कार्यों में संलिप्त है। क्षेत्र में कई ऐसे शिक्षक और प्रभारी प्राचार्य भी है जो वर्षोँ से एक ही स्कूल में पदस्थ है लेकिन इनमें से मात्र एक ही शिक्षक को टारगेट करते हुये उसका स्थानांतरण करवाया जाना दूषित मानसिकता को इंगित करता है।
जांच प्रचलनशील तो नहीं हो सकता तबादला
स्थानांतरण नीति में यह स्पष्ट प्रावधान है कि यदि संबंधित शिक्षक के विरूद्ध किसी भी तरह की जांच प्रचलनशील है तो ऐसे में स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। शिक्षक गणेश यादव के विरूद्ध विभागीय जांच लंबित है, ऐसे में स्थांतनारण कर दिया जाना तबादला नीति का भी घोर उल्लंघन है। शिकायत के बाद प्रभारी प्राचार्य को गोपालपुर से हटाकर दूसरे स्कूल में अटैच किया गया।स्थानांतरण नीति के बिन्दु क्रमांक- 52 में स्पष्ट प्रावधान दिये गये है कि स्थानांतरण करने से पहले संबंधित शिक्षक का संलग्नीकरण समाप्त करना होगा,लेकिन इस मामले में ऐसा न करते हुये बिना संलग्नीकरण समाप्त किये ही शिक्षक का स्थानांतरण गृह निवास से 140 किलो मीटर दूर करना स्थानांतरण नीति का भी घोर उल्लघंन है, जो विभाग की भी गलती को परिलक्षित कर रहा है।
अधिकारियों को न्यायालय का भी नहीं है डर
लगभग 5 से 6 माह के दौरान पी.एम.श्री विद्यालय गोपालपुर को क्षेत्र के तथाकथित कुछ नेताओं ने राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। शिक्षक के विरूद्ध कई तरह की झूठी शिकायत विभाग में करके विभाग के अधिकारियों को भी गुमराह करने का काम किया गया। कई जांचों में शिक्षक गणेश यादव को क्लीनचिट दी गई है। इसके साथ ही शिक्षक के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. मुख्य खंड पीठ जबलपुर के समक्ष एक रिट याचिका क्रमांक- 10885/27 गणेश यादव विरूद्ध म.प्र. शासन एवं अन्य के विरुद्ध प्रस्तुत की गई है, जो वर्तमान में माननीय न्यायालय के समक्ष लंबित होकर विचाराधीन है। ऐसी परिस्थतियों में शिक्षक गणेश यादव का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता था। चूंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। विधि का भी यह सुस्थापित सिद्धांत है कि यदि किसी संबंध में कोई मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हो तो विभाग किसी भी तरह का निर्णय संबंधित व्यक्ति, कर्मचारी पर नहीं कर सकता है। लेकिन इस मामले में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा स्वेच्छाचारिता को अपनाते हुये न्यायालय की परवाह किये बिना ही याचिकाकर्ता को स्थानांतरण 140 किलो मीटर दूर कर दिया गया है। शिक्षक गणेश यादव ने बताया कि मेरे द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष याचिका प्रस्तुत की गई है जिसमें रंजिश रखते हुये मेरा स्थानांतरण करवाया गया है। जो प्रथम दृष्टया नियम विरूद्ध है।
स्कूल में शिक्षक की कमी भी नजर अंदाज
गोपालपुर पी.एम. श्री स्कूल में पहले से ही शिक्षकों की कमी रही है। अतिथि शिक्षक स्कूल में रखकर पढ़ाई करवाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ प्रभारी प्राचार्य गणेश यादव का स्थानांतरण कर दिया गया है ।इसमें विभाग के द्वारा इसका अध्यनन नहीं किया गया है कि स्कूल में पहले से ही शिक्षकों की कमी है, ऐसे में स्थानांतरण करके शिक्षकों की पूर्ति कैसे की जायेगी। चूंकि गणेश यादव गणित विषय के विशेषज्ञ है और उनके द्वारा निरंतर रूप से इस विषय के अलावा अन्य विषयों में भी बच्चों को शिक्षा दी जाती थी। गणेश यादव गोपालपुर पी.एम. श्री स्कूल में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ थे। इस संबंध में भी यह स्पष्ट प्रावधान दिये गये है जो शिक्षक पी.एम. श्री विद्यालय में पदस्थ होगा उसका स्थानांतरण पी.एम.श्री स्कूल में ही किया जायेगा। बावजूद इसके विभाग के द्वारा पी.एम.श्री. स्कूल में स्थानांतरण न करके कटंगी में स्थानांतरण किया गया है।
तथाकथित नेता ले रहे ज्यादा रूचि
किसी भी राष्ट्र के निर्माण में शिक्षक की भूमिका महत्वूपर्ण बताई गई लेकिन वर्तमान राजनीति का स्तर इतना गिर चुका है कि क्षेत्र के तथाकथित नेता अब शिक्षा विभाग को भी नहीं छोड़ रहे है। झूठी वाहवाही लूटने और शिकायत करके अवैध लाभ अर्जित करने की मंशा ने तथाकथित नेताओं को अंधा बना दिया है। पैसों के लालच में शिक्षक की शिकायत करना और फिर विभाग के अधिकारियों पर जांच का दबाव बनाकर दोषी साबित करवाना उनकी फितरत में शामिल हो गया है।




