बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर गुड्डे गुड़ियों की शादी कर मनाया अक्षय तृतीया का त्यौहार
कलयुग की कलम से राकेश यादव
बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर गुड्डे गुड़ियों की शादी कर मनाया अक्षय तृतीया का त्यौहार
MP कटनी उमरिया पान-बड़े हर्ष और उल्लास के साथ बालिकाओं ने अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर बच्चों ने गुड्डे गुड़ियों को दूल्हा-दुल्हन बनाकर विवाह रचाया ग्रामीण अंचलों में बच्चों ने बड़े धूमधाम से वटवृक्ष के नीचे छांव में प्रसाद के रूप में चने की दाल वितरण की गई एवं भोजन के आयोजन के साथ गुड्डी गुड़ियों का गठबंधन खोला गया
जानकारी के अनुसार तिथी का सर्व सिद्ध मुहूर्त के रूप में भी विशेष महत्व है इस दिन बिना किसी पंचांग देखे कोई भी शुभ मांगलिक कार्य जैसे विवाह गृह प्रवेश वस्त्र आभूषण खरीददारी संबंधित कार्य किए जाते हैं सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ और द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ था
अक्षय तृतीया पर विधि विधान से पूजन किया गया और घरों में मिट्टी के नए पांच घडे़ रखकर उनके ऊपर दोना को रखकर आम आलू और चावल रखकर घड़ों को धागे से बांधकर आपस में एक दूसरे से जोड़कर इनका चावल व सिंदूर लगाकर पूजन किया गया




