जिलों के अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से बैठक मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति में पुख्ता सूचना तंत्र विकसित करने के दिए निर्देश किसानों को सुविधा पूर्वक व्यवस्थित ढंग से उर्वरक उपलब्ध कराना हो सुनिश्चित
कलयुग की कलम से राकेश यादव

जिलों के अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से बैठक मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति में पुख्ता सूचना तंत्र विकसित करने के दिए निर्देश किसानों को सुविधा पूर्वक व्यवस्थित ढंग से उर्वरक उपलब्ध कराना हो सुनिश्चित
कलयुग की कलम कटनी–मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति में जान-माल की हानि न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए समय रहते सूचना-तंत्र की पुख्ता व्यवस्था की जाए। राज्य शासन जनसामान्य की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। बाढ़ उन्मुख नदियों के लेवल पर लगातार निगरानी रखी जाए, बाढ़ संवेदनशील क्षेत्रों का पूर्व आंकलन कर राहत कैम्प की तैयारी रखें। आवश्यकता होने पर अस्थाई राहत शिविर लगाकर आवास और भोजन उपलब्ध कराया जाए। इन कार्यों में आवश्यकता होने पर सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश में अतिवृष्टि एवं बाढ़ के दृष्टिगत आवश्यक तैयारियों की मंत्रालय में समीक्षा कर रहे थे।

 मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किसानों के लिए खाद्य आपूर्ति एवं बाढ़ आपदा प्रबंधन को लेकर सभी जिलों के अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से बैठक लेकर आवश्यक दिशा -निर्देश दिये। बैठक में मध्यप्रदेश शासन के राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
    मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किसानों के लिए खाद्य आपूर्ति एवं बाढ़ आपदा प्रबंधन को लेकर सभी जिलों के अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से बैठक लेकर आवश्यक दिशा -निर्देश दिये। बैठक में मध्यप्रदेश शासन के राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
यहां कटनी के कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित एन आई सी कक्ष से कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव और पुलिस अधीक्षक श्री अभिनय विश्वकर्मा, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल जुड़े रहे। इसके अलावा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिशिर गेमावत,अपर कलेक्टर साधना परस्ते,उप संचालक कृषि श्री मनीष मिश्रा व निगमायुक्त श्री नीलेश दुबे सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी कटनी से वर्चुअली जुड़े रहे।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बैठक में निर्देशित किया कि प्रदेश में किसानों के लिए उर्वरक की कमी नहीं होने दें। सभी जिलों में उर्वरक की आपूर्ति का समुचित प्रबंधन करें। उर्वरक एवं खाद की कालाबाजारी करने वालों पर एफआईआर दर्ज करायें। नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के उपयोग को प्रोत्साहित करें। कृषि एवं उससे जुड़े अधिकारी किसानों के सतत सम्पर्क में रहें। खाद विक्रय करने वाले प्रतिष्ठानों की नियमित रूप से जांच की जाये।
बाढ़ आपदा प्रबंधन की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि भारी वर्षा होने संबंधी सूचनाओं को आम जन तक समय रहते पहुंचाया जाये। बांधों से पानी छोड़ने की स्थिति में प्रभावित होने वाले जिले को समय पर सूचित करें। अति वर्षा एवं बाढ़ की स्थिति में बचाव एवं राहत के लिए तत्परता से उपाय करें। प्रभावित होने वाले लोगों के ऊंचे स्थान पर ठहराने के लिए केंप लगाने एवं उनके भोजन आदि का प्रबंधक करने कहा गया। प्रभावित व्यक्तियों के लिए आरबीसी 6-4 की राशि का उपयोग करें। प्राकृतिक आपदा में मकान क्षति एवं जन हानि के प्रकरणों में राहत राशि का तत्परता के साथ वितरण करने कहा गया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि बाढ़ एवं अति वृष्टि के समय कोई भी व्यक्ति अकाल मौत न मरें इसका प्रबंधन किया जाये। बाढ़ या अन्य स्थिति में लोगों के फंसे होने पर एसडीईआरएफ की टीम तत्परता के साथ मौके पर बचाव उपकरणों के साथ पहुंचना चाहिए। आगामी दिनों में आने वाले त्यौहारों के दौरान मूर्तियों के विर्सजन के दौरान अनहोनी घटना को रोकने के लिए पहले से ही सतर्कता एवं सावधानी के उपाय करने कहा गया। वर्षा के दिनों में करेंट लगने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि खुले में बिजली के तार न रहने दें और तार आदि टूटे हों तो तत्काल सुरक्षा के उपाय करें।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि जिला स्तर पर 20 लोगों की विकास समिति बनाई जाये। इसमें अच्छे डाक्टर,किसान समाज सेवी एवं अन्य प्रतिष्ठित लोगों को शामिल किया जाये। यह समिति समय समय पर अपने सुझाव दे सकेगी,जिससे आम जन को राहत एवं सुविधा हो। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर जो कुछ भी बाढ़ राहत एवं बचाव के कार्य किये जाते हैं उनका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाये। स्थिति में जान-माल की हानि न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए समय रहते सूचना-तंत्र की पुख्ता व्यवस्था की जाए। राज्य शासन जनसामान्य की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। बाढ़ उन्मुख नदियों के लेवल पर लगातार निगरानी रखी जाए, बाढ़ संवेदनशील क्षेत्रों का पूर्व आंकलन कर राहत कैम्प की तैयारी रखें। आवश्यकता होने पर राहत शिविर लगाकर आवास और भोजन उपलब्ध कराया जाए। इन कार्यों में आवश्यकता होने पर सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बैठक में निर्देशित किया कि प्रदेश में किसानों के लिए उर्वरक की कमी नहीं होने दें। सभी जिलों में उर्वरक की आपूर्ति का समुचित प्रबंधन करें। उर्वरक एवं खाद की कालाबाजारी करने वालों पर एफआईआर दर्ज करायें। नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के उपयोग को प्रोत्साहित करें। कृषि एवं उससे जुड़े अधिकारी किसानों के सतत सम्पर्क में रहें। खाद विक्रय करने वाले प्रतिष्ठानों की नियमित रूप से जांच की जाये।
बाढ़ आपदा प्रबंधन की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि भारी वर्षा होने संबंधी सूचनाओं को आम जन तक समय रहते पहुंचाया जाये। बांधों से पानी छोड़ने की स्थिति में प्रभावित होने वाले जिले को समय पर सूचित करें। अति वर्षा एवं बाढ़ की स्थिति में बचाव एवं राहत के लिए तत्परता से उपाय करें। प्रभावित होने वाले लोगों के ऊंचे स्थान पर ठहराने के लिए केंप लगाने एवं उनके भोजन आदि का प्रबंधक करने कहा गया। प्रभावित व्यक्तियों के लिए आरबीसी 6-4 की राशि का उपयोग करें। प्राकृतिक आपदा में मकान क्षति एवं जन हानि के प्रकरणों में राहत राशि का तत्परता के साथ वितरण करने कहा गया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि बाढ़ एवं अति वृष्टि के समय कोई भी व्यक्ति अकाल मौत न मरें इसका प्रबंधन किया जाये। बाढ़ या अन्य स्थिति में लोगों के फंसे होने पर एसडीईआरएफ की टीम तत्परता के साथ मौके पर बचाव उपकरणों के साथ पहुंचना चाहिए। आगामी दिनों में आने वाले त्यौहारों के दौरान मूर्तियों के विर्सजन के दौरान अनहोनी घटना को रोकने के लिए पहले से ही सतर्कता एवं सावधानी के उपाय करने कहा गया। वर्षा के दिनों में करेंट लगने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि खुले में बिजली के तार न रहने दें और तार आदि टूटे हों तो तत्काल सुरक्षा के उपाय करें।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि जिला स्तर पर 20 लोगों की विकास समिति बनाई जाये। इसमें अच्छे डाक्टर,किसान समाज सेवी एवं अन्य प्रतिष्ठित लोगों को शामिल किया जाये। यह समिति समय-समय पर अपने सुझाव दे सकेगी,जिससे आम जन को राहत एवं सुविधा हो। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर जो कुछ भी बाढ़ राहत एवं बचाव के कार्य किये जाते हैं उनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।
 
				 
					
 
					
 
						


