मध्यप्रदेश

National Education Policy: अब 3 नहीं, 4 साल की होगी ग्रेजुएशन, शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी एनइपी लागू होने के तीन साल पूर्ण होने पर ग्रेजुएशन के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम को 4 साल का कर दिया गया है। अंतिम वर्ष को ऑनर्स विथ रिसर्च का दर्जा दिया है। इसमें प्रवेश के लिए स्टूडेंट्स को 7.5 सीजीपीए कम्युलेटिव ग्रेड प्वॉइंट एवरेज लाना अनिवार्य है।
इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों को निर्देश जारी किए हैं। 15 दिन में प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए कहा गया है। यह बदलाव स्टूडेंट्स की रुचि और अनुसंधानात्मक गतिविधियों को लेकर किया गया है।

विद्यार्थियों के पास दो विकल्प

जिले में अंतिम वर्ष के करीब 15 हजार स्टूडेंट्स हैं। चार साल की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स को ऑनर्स और ऑनर्स विद रिसर्च के दो विकल्प दिए गए हैं। ऑनर्स कोर्स के तहत स्टूडेंट्स को अपनी पसंद के विषय का गहन अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। जबकि ऑनर्स विद रिसर्च के तहत वे अपने विषय में शोध कर सकेंगे। यह कदम उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार और शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है। चौथे साल की पढ़ाई से स्टूडेंट्स को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।

120 क्रेडिट अंक अनिवार्य

स्नातक चतुर्थ वर्ष ऑनर्स में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्नातक तृतीय वर्ष में 120 क्रेडिट अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। जबकि स्नातक ऑनर्स विथ रिसर्च में प्रवेश के लिए 7.5 सीजीपीए लाना होगा। ऐसे छात्रों को संबंधित कॉलेज में प्रवेश दिया जाएगा। जहां ऑनर्स विथ रिसर्च की सुविधा नहीं होगी, उनके छात्रों को दूसरे कॉलेज में प्रवेश दिया जाएगा।

चौथे साल की प्रक्रिया

नई शिक्षा नीति लागू होने के तीन साल पूर्ण होने पर इस सत्र से चौथे साल की प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस सम्बंध में कॉलेजों को निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे छात्रों से ऑप्शन लेकर 15 दिनों के अंदर प्रवेश प्रक्रिया पूरी कराने के लिए कहा गया है।- डॉ. दीपेश मिश्रा, कुलसचिव, रादुविवि

15 दिन की मोहलत

सभी शासकीय एवं अशासकीय कॉलेजों को अगले 15 दिनों में प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने कहा है। स्टूडेंट्स को एमपी ऑनलाइन से प्रवेश नवीनीकरण करना होगा। स्टूडेंट्स से ऑप्शन लेने के साथ ही उनकी प्रवेश की प्रक्रिया भी कॉलेजों को अपने स्तर करनी होगी। स्नातक चतुर्थ वर्ष ऑनर्स विथ रिसर्च पाठ्यक्रम का संचालन उन्हीं कॉलेजों में होगा, जिनमें कम से कम दो नियमित शिक्षक शोध निदेशक के रूप में पंजीकृत होंगे। साथ ही संबंधित विषय में मान्यता प्राप्त शोध केन्द्र संचालित किए जा रहे हों।

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