ऑपरेशन मुस्कान के तहत ढीमरखेड़ा पुलिस ने कुछ ही घंटों में नाबालिक बालिका को दस्तयाब कर सुरक्षित परिजनों को सौंपा।
कलयुग की कलम से राकेश यादव

ऑपरेशन मुस्कान के तहत ढीमरखेड़ा पुलिस ने कुछ ही घंटों में नाबालिक बालिका को दस्तयाब कर सुरक्षित परिजनों को सौंपा।
कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा-कटनी जिले के ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र में घटित हालिया घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब पुलिस सजग हो और उच्च अधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त हो, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता। दिनांक 5 अप्रैल 2025 को ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम अतरिया, सारंगपुर निवासी गीता बाई पति केशलाल यादव, उम्र 21 वर्ष, ने थाना ढीमरखेड़ा पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनकी 10 वर्षीय पुत्री घर से बिना बताए कहीं चली गई है। परिजनों द्वारा आस-पड़ोस और रिश्तेदारों के यहाँ खोजबीन करने के बाद भी बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए थाना ढीमरखेड़ा पुलिस द्वारा तत्काल अपराध क्रमांक 154/25, धारा 137(2) भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया। इसकी सूचना तत्क्षण वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।
वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन एवं निर्देश
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस अधीक्षक कटनी अभिजीत कुमार रंजन के दिशा-निर्देशन की अहम भूमिका रही।पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया एवं एसडीओपी प्रभात शुक्ला द्वारा थाना ढीमरखेड़ा पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि बालिका की तलाश में कोई भी कसर न छोड़ी जाए। इन्हीं आदेशों के पालन में, थाना ढीमरखेड़ा के थाना प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद शाहिद के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। इस टीम में उप निरीक्षक सुरेश चौधरी, आरक्षक देवेंद्र अहिरवार समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने तत्परता और निष्ठा से कार्य किया।
ऑपरेशन मुस्कान की शुरुआत करते हुए पुलिस टीम ने पहले घटनास्थल, यानी बालिका के निवास स्थान, का गहन अध्ययन किया। टीम ने माता-पिता, परिजनों एवं आसपास के लोगों से जानकारी ली कि बच्ची किस दिशा में गई थी, वह किन लोगों से मिलती-जुलती थी, उसे क्या पसंद था, कोई नाराजगी तो नहीं थी इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एक कार्ययोजना बनाई गई।
शकुछ ही घंटों में दस्तयाबी पुलिस की सक्रियता बनी मिसाल
सभी पुलिसकर्मियों ने न केवल फिजिकल ग्राउंड पर काम किया, बल्कि पूरी संवेदनशीलता और मानवीयता के साथ मामले को लिया। इसका ही परिणाम रहा कि कुछ ही घंटों में बच्ची को सुरक्षित रूप से दस्तयाब कर लिया गया। बालिका को दस्तयाब कर परिजनों को सौंपते समय पुलिस द्वारा पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया। बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया और उसे मानसिक रूप से सहज करने हेतु महिला पुलिस की मदद ली गई।
बालिका की दस्तयाबी के बाद उसके माता-पिता की आँखों में आंसू थे – पर ये आंसू डर के नहीं, बल्कि संतोष, आभार और खुशी के थे। उन्होंने ढीमरखेड़ा थाना पुलिस और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों का हृदय से धन्यवाद व्यक्त किया। गांव में भी पुलिस के इस कार्य की खूब प्रशंसा हुई। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे मामलों में जब त्वरित कार्रवाई होती है, तो लोगों का पुलिस पर विश्वास और अधिक बढ़ता है। ढीमरखेड़ा थाना पुलिस, विशेषकर निरीक्षक मोहम्मद शाहिद और उनकी टीम, इस कार्य के लिए बधाई के पात्र हैं। ऐसे प्रयासों से ही समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है।




