मध्यप्रदेश

तहसील कार्यालय की निजिता हो रही भंग प्राईवेट व्यक्ति तहसील में बैठकर कर रहा भ्रष्टाचार अंगद की तरह पांव जमाकर सिलौड़ी तहसील कार्यालय में बैठे हैं अंगद सिंह 

कलयुग की कलम से राकेश यादव

तहसील कार्यालय की निजिता हो रही भंग प्राईवेट व्यक्ति तहसील में बैठकर कर रहा भ्रष्टाचार अंगद की तरह पांव जमाकर सिलौड़ी तहसील कार्यालय में बैठे हैं अंगद सिंह 

कलयुग की कलम सिलौड़ी-ढीमरखेड़ा तहसील अंतर्गत नायब तहसील कार्यालय सिलौड़ी में प्राईवेट व्यक्तियों के हाथों में नायब तहसीलदार कार्यालय की कमान सौँप दी गई है। इसके साथ ही यहां पर कम्प्यूटर आॅपरेटर समय हल्दकार को नियुक्त किया गया है। सूत्रों ने बताया कि यहां पर नियमित बाबू पदस्थ होने के बावजूद भी प्राईवेट व्यक्ति के हवाले इस कार्यालय को कर दिया गया है। कार्यालय में लिपिक की भूमिका में प्राईवेट कर्मचारी अंगद सिंह को बैठाकर कार्य करवाने से शासकीय कार्यालय की निजिता भी भंग हो रही है।

यहां पर यह भी सवालिया निशान है कि जब परमानेंट कर्मचारी कार्यालय में मौजूद है इसके बाद भी प्राईवेट व्यक्तियों को कार्यालय की जिम्मेदारी क्यों सौँपी गई है। विदित हो कि तहसील कार्यालय में कई ऐसे व्यक्ति है जो परमानेंट कर्मचारी नहीं है बावजूद उनके द्वारा सभी कार्यों का निष्पादन तहसील कार्यालय में बैठकर किया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि जब परमानेंट कर्मचारी मौजूद है तो आखिर कैसे और किस अधिकार से अधिकारी प्राईवेट व्यक्तियों को बढ़ावा देकर उनसे कार्य करवा रहे है? साहबों की आखिर क्या मजबूरी है कि परमानेंट कर्मचारी को किनारे कर प्राईवेट व्यक्तियों के हाथों में महत्वपूर्ण कार्य सौँपे जा रहे है। 

कहां से हो रहा भुगतान 

विदित हो कि नायब तहसीलदार कार्यालय सिलौड़ी में अंगद सिंह के द्वारा शासकीय कर्मचारी की भांती कार्य किया जा रहा है जबकि शासन के द्वारा न तो इसे नियुक्त किया गया है और न ही यह शासकीय कर्मचारी है। सवाल यह भी उठता है कि एक प्राईवेट व्यक्ति को वहां पर कार्य करने के लिये अधिकृत किसके द्वारा किया गया है। इस तथाकथित प्राईवेट व्यक्ति को वेतन कौन दे रहा है या फिर कार्यालय में जो भ्रष्टाचार हो रहा है उसी से बंदरबांट की जा रही है। 

साहबों की मौन स्वीकृति 

जिस तरह से प्राईवेट व्यक्ति शासकीय कार्यालय में बैठकर कार्योँ को अंजाम दे रहे है इसमें कहीं न कहीं कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की भी मौन स्वीकृति सामने आ रही है। अधिकारियों की क्या मजबूरियां है कि उनके द्वारा शासकीय कर्मचारियों को दरकिनारे कर प्राईवेट व्यक्ति से कार्यालय के काम करवाये जा रहे है। पूर्व में भी एसडीएम कार्यालय ढीमरखेड़ा में प्राईवेट व्यक्ति बैठकर काम कर रहा था लेकिन समाचार पत्रों की सुर्खियां बनने के कारण उसे तत्काल हटाया गया था। सिलौड़ी नायब तहसीलदार कार्यालय में अवैधानिक तरीके से लिपिक की भूमिका में कार्य कर रहेअंगद सिंह के विरूद्ध प्रशासन के द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है यह देखना होगा।

Related Articles

Back to top button